इलाहाबाद। आज़ादी के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष बनी ऋचा सिंह की कुर्सी खतरे में है। विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें पद से हटाने की तैयारी कर रहा है। ऋचा सिंह का कहना है की उन्हें राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कई स्तर पर होने वाली गड़बडिय़ों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी जिसके चलते अब उसके साथ वैसा सलूक किया जा रहा है जैसा हैदराबाद विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला के साथ हुआ था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह का कहना है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के रोहित वेमुला और जेएनयू के कन्हैया कुमार के बाद अब केंद्र सरकार और एबीवीपी का अगला टारगेट वो खुद है। उनके पिछले 6 महीने के कार्यकाल के दौरान उन्हें लगातार मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया जाता रहा है और अब विश्वविद्यालय प्रशासन उनके एडमिशन को ही गलत बता कर न सिर्फ उनका एडमिशन रद्द करने की फिऱाक में है बल्कि उन्हें पद से हटाकर उनका पद एबीवीपी से छात्रसंघ उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को सौंप सकता है।
दरअसल ऋचा सिंह विश्वविद्यालय में ग्लोब्लाईज़ेशन एंड डेवलपमेंट स्टडीज़ में डी.फिल. कर रहीं हैं और पिछले दिनों एक शिकायत के बाद विश्वविद्यालय के वीसी ने ऋचा सिंह के प्रवेश की जांच डीन आट्र्स ए.सत्यनारायण को सौंपी थी। जिसके बाद डीन ने अपनी जांच में पाया की प्रवेश में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है जबकि दूसरी ओर ऋचा सिंह का कहना है कि उनका एडमिशन आरक्षण के नियमों और हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप किया गया है लेकिन उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्रों के हित में आवाज उठायी, वीसी और वीसी के ओएसडी की नियुक्ति को चुनौती दी, योगी आदित्यनाथ जैसे लोगों को विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से रोका। जिसके चलते वो एबीवीपी और केंद्र सरकार के निशाने पर हैं और अब उन्हें विश्वविद्यालय से ही चलता करने की तैयारी की जा रही है। निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह शुरुआत से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के निशाने पर रही हैं क्योंकि छात्रसंघ में अध्यक्ष के अलावा सारे पद एबीवीपी के पास है और योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम का विरोध कर उन्होंने सीधे एबीवीपी से विरोध कर लिया था। जिसके बाद उनके ऊपर हमले भी हुए लेकिन ऋचा ने हार नहीं मानी लेकिन अब उनके विरोधी दावा कर रहे हैं कि इलाहाबाद से बाहर चल रहे विश्वविद्यालय के कुलपति ए.के.हांगलू शहर वापस लौटते ही उन्हें विश्वविद्यालय से बाहर का रास्ता दिखा देंगे। ऋचा का कहना है कि महिला छात्रसंघ अध्यक्ष होने के बाद भी उसके साथ विश्वविद्यालय में भी वही सब कुछ हो हैदराबाद विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला के साथ हुआ था लेकिन वो इतनी जल्दी हार नहीं मानने वाली है उसने पूरे मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का मन बनाया है।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।