पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेएनयू मामले में केन्द्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के इतने दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस उसके खिलाफ देशद्रोह का सबूत नहीं जुटा सकी, तो देशद्रेाह का आरोप कैसा? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अब देश की जनता को बताना चाहिए कि उनकी नजर में देशद्रोह की परिभाषा क्या है? नीतीश ने कन्हैया कुमार के खिलाफ सबूत की मांग करते हुए कहा कि भाजपा खुद इस भावनात्मक मुद्दे को उठाकर अन्य मुद्दे को खत्म करना चाहती है।
पटना में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया की गिरफ्तारी के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न पर उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा ने जबरन इस मुद्दे को उछाला है, ताकि लोगों का ध्यान दूसरी ओर ले जाया जा सके। केन्द्र सरकार विकास के सभी मोर्चे पर विफल हो गई है। अब उसने भावनात्मक मुद्दे को उठाया है जिससे अन्य मुद्दों से लोगों का ध्यान हट जाए।" उन्होंने कहा कि इतने दिन गुजर जाने के बाद भी कन्हैया के खिलाफ न गृह मंत्रालय और न ही दिल्ली पुलिस सबूत जुटा सकी है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर कोई सबूत तो लाएंगे न? मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार जेएनयू जैसे शिक्षण संस्थानों को ध्वस्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में उनकी विचारधाराओं को नहीं मानने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसलिए अपने विचारों को थोपने के लिए ये सब किया जा रहा है। भाजपा द्वारा बिहार में 'जंगलराज' कहे जाने पर भी नीतीश ने हमला बोलते हुए कहा, "लोग बिहार में जंगलराज होने का आरोप लगाते हैं, ऐसे लोगों को अब बताना चाहिए कि दिल्ली में पटियाला हाउस अदालत परिसर में पुलिस की मौजूदगी में जो हमले हुए, तो जंगलराज कहां है?"
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