चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा रविवार को जाटों के आरक्षण के समाधान के लिए सुबह दस बजे से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे। उनके साथ अनशन पर उनके बेटे और रोहतक से सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा भी होंगे। बीबीसी से बातचीत में दीपेंदर हुड्डा ने यह जानकारी दी। दीपेंदर हुड्डा का चुनाव क्षेत्र रोहतक इस आंदोलन में सबसे ज्यादातर प्रभावित इलाकों में से एक हैं। लेकिन उनका कहना है कि उन्हें वहां नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं केंद्रीय मंद्री बीरेंद्र सिंह का कहना है कि वो जाटों को समर्थन के हक़ में हैं, लेकिन इस बारे में बातचीत से रास्ता निकालना होगा। दीपेंदर हुड्डा ने कहा है कि जाट आरक्षण आंदोलन के कारण राज्य में हालात बेहद ख़राब हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वो शांति से काम लें क्योंकि हिंसा से कोई रास्ता नहीं निकलेगा।
हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से जारी जाट आंदोलन के कारण अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 78 लोग ज़ख़्मी हुए हैं। इस बीच, हरियाणा में तनाव के मद्देनज़र तीन और ज़िलों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है जिसमें जींद, हिसार और हांसी शामिल हैं। रोहतक, भिवानी और झज्जर में पहले से ही कर्फ़्यू है। इस तरह राज्य के कम से कम आठ शहरों में हिंसा की वारदात को देखते हुए कर्फ़्यू लगा है। हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुड्डा सरकार ने जाट और अन्य चार जातियों को विशेष रूप से पिछडी जातियों में शामिल किया था। लेकिन पिछले साल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जाटों को 10 फीसदी आरक्षण देने के सरकार की सिफारिश को खारिज कर दिया। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने नौ राज्यों के जाटों को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की मांग ठुकरा दी थी।
दीपेंदर हुड्डा का कहना था, ''इस आंदोलन में कोई साफ़ नेतृत्व नहीं दिख रहा और न सरकार की ओर से समाधान के लिए ही कोई नेतृत्व करता दिखाई दे रहा है। दोनों तरह से नेतृत्वहीनता की स्थिति है और इसी वजह से हालात बिगड़े हैं।'' उधर दिल्ली में भाजपा नेता और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह शनिवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिले। बीरेंद्र सिंह ने मुलाक़ात के बाद जाट आरक्षण की मांग उठा रहे लोगों को उन्होंने बातचीत के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, ''बातचीत में यह बात उभरकर आई है कि जाटों के लिए आरक्षण होना चाहिए और जिस प्रकार हम उन्हें संवैधानिक रूप से आरक्षण की जातियों में शामिल करना चाहें। मैं कहूँगा कि हमें आश्वस्त किया गया है कि समाज के सभी लोगों को हम आरक्षण के बारे में बातचीत के लिए आमंत्रित करते हैं।''
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