नई दिल्ली। पाकिस्तान ने पठानकोट हमला मामले की जांच से जुड़ी प्राथमिक रिपोर्ट भारत को सौंप दी है। पाकिस्तानी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की तरफ से सबूत के तौर पर जो फोन नंबर्स दिए गए हैं, वे रजिस्टर्ड नहीं हैं। इससे भी अहम बात ये कि भारत की तरफ से दिए गए सबूतों के आधार पर पाकिस्तान का कहना है कि पठानकोट हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने जैसी कोई बात निकल कर सामने नहीं आ रही। पाकिस्तानी सूत्र पिछले हफ्ते से ही इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारत ने पठानकोट मामले में जो सबूत पाकिस्तान को सौंपे हैं, वे नाकाफी हैं। इस मामले में आगे की जांच के लिए पाकिस्तान, भारत से और सबूतों की मांग कर सकता है। गौरतलब है कि पठानकोट हमले के दौरान पकड़ी गई बातचीत के आधार पर भारत ने इसमें मौलाना मसूद अजहर और उसके आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर हमले का आरोप लगाया है। इस बाबत भारत ने पाकिस्तान को कार्रवाई करने लायक सबूत भी सौंपने की बात की है। पाकिस्तान ने भारत को भरोसा दिया था कि वो दिए गए सबूतों के आधार पर जांच कर ठोस नतीजा देने की हरसंभव कोशिश करेगा।
एसपी सलविंदर से एनआईए की पूछताछ
पठानकोट हमले में शामिल आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए एसपी सलविंदर सिंह से दिल्ली में एनआईए ने पूरे दिन में करीब 8 घंटे पूछताछ की है. उन्हें पूछताछ के लिए मंगलवार को फिर से बुलाया गया है. एनआईए ने शुक्रवार को उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किया था. उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराया जा सकता है. एसपी, उनके दोस्त राजेश वर्मा और उनके कुक मदन गोपाल के बयानों के बीच विरोधाभास को देखते हुए उनकी भूमिका शक के घेरे में हैं. जानकारी के मुताबिक, डीआईजी के नेतृत्व में 10 लोगों की टीम पठानकोट में लगातार सर्च ऑपरेशन कर रही है. घटनास्थल से AK-47 की मैगजिन, एक मोबाइल फोन और दूरबीन बरामद हुआ है. हमले में मारे गए आतंकियों की पहचान के लिए इंटरपोल ने ब्लैक कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही पंजाब में एसपी के दोस्त और कुक से भी लगातार पूछताछ की जा रही है. एसपी के कुक मदल गोपाल को भी दिल्ली बुलाया जा सकता है.
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