नई दिल्ली। मैदान-ए-जंग में जब बगदादी को शिकस्त मिलने लगी। आईएसआईएस के लड़ाकों पर जब फौज भारी पड़ने लगी और जब बगदादी की हर चाल उल्टी पड़ने लगी। तब आतंक के आका ने अपनी रणनीति बदल दी। जी हां, बगदादी अब संभल गया है। वो नए पैंतरे आजमा रहा है। बगदादी को पता चल गया है कि उसके किले में पश्चिमी देशों के जासूस सेंध लगा चुके हैं। तभी तो इराक और सीरिया में जगह-जगह उसके आतंकी मारे जा रहे हैं। एक एक कर उसके हाथ से कई शहर निकल चुके हैं। इराक का रमादी शहर भी दहशत की गुलामी से आजाद हो चुका है अब वहां इराकी सरकार का झंडा लहरा रहा है। इसलिए अब बगदादी के चेले आईएसआईएस में घुसे उन जासूसों का पता लगा रहे हैं, जो उनके बीच रहकर उनकी खबर दुश्मनों को दे रहे हैं।
बगदादी की इस नई चाल के शिकार बने हैं 6 जासूस। आईएसआईएस ने एक वीडियो जारी की हैं। जिसमें दो तस्वीरें अलग अलग इलाकों की हैं। अलग-अलग वक्त की हैं। लेकिन दोनों तस्वीरों में एक बात समान है। दोनों में जासूसों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। नारंगी रंग के कपड़े में जमीन पर घुटनों के बल बैठे पांचों ब्रिटिश जासूस हैं और ये बताने की जरूरत नहीं कि इन्हें यहां कत्ल करने के लिए लाया गया है। सीरिया के रक्का में बनाया गया ये वीडियो 10 मिनट का है। इसमें पहले तो इन जासूसों से जबरन इनका गुनाह कबूल करवाया जाता है और उसके बाद काले कपड़ों वाला एक शैतान कैमरे के सामने बोलना शुरू करता है। हाथों में पिस्तौल लेकर वो सीधे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून को धमकी देता है।
आईएसआईएस के आतंकी के मुताबिक, ब्रिटेन ने इन जासूसों से पल्ला झाड़ लिया है, इन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है। ब्रिटिश एक्सेंट में बोल रहे इस आतंकी के बोल काफी खौफनाक। आपको बता दें कि जासूसी की दुनिया में शामिल होने वाले ज्यादातर वो नौजवान होते हैं, जिनका कोई नहीं होता वो अनाथ होते हैं। उनके पीछे कोई रोने वाला नहीं होता। क्योंकि जासूसी की दुनिया का बस एक ही उसूल होता है कोई भी कमजोरी नहीं पालना है। इसलिए इनमें से ज्यादातर की कोई एक पहचान भी नहीं होती। ये जगह और वक्त के हिसाब से अपना नाम और पहचान बदलते रहते हैं और अब गुमनामी की ये जिंदगी खत्म होने का वक्त आ गया था। इस वीडियो के आखिर में जासूसों के पीछे खड़े आईएस आतंकियों ने अपनी पिस्तौल इनके सिर से सटाई और अगले ही पल सब खत्म। वीडियो में एक अकेला जासूस दिखता है और ये जासूस रूस से ट्रेनिंग लेकर आईएसआईएस के गढ़ सीरिया में दाखिल हुआ था। मैगोमेद खासेव नाम का 23 साल का ये लड़का डबल एजेंट था। यानी ये रूस की खबर आईएसआईएस आतंकियों को देता था, और आईएसआईएस की खबर रूस को देता था। रूस का मानना है कि खासेव ने अपने मुल्क के साथ गद्दारी की है और आतंकियों के मुताबिक इसने उन्हें धोखा दिया है, जिसके लिए बस एक ही सजा है मौत। आखिर खासेव ने ऐसा क्यों किया, उसे किस बात की कमी थी, रूस के लिए जासूसी करने वाले खासेव को आईएसआईएस से हाथ मिलाने की जरूरत क्यों पड़ी ये समझने के लिए आपको मैगोमेद खासेव के बचपन को समझना पड़ेगा।
खासेव का जन्म रूस के चेलीबिस्क नाम की जगह पर हुआ था। 9 साल की उम्र में ही वो अनाथ हो गया। बाद में उसे चेचन्या की एक दंपति ने उसे गोद ले लिया। 10 साल की उम्र में उसने इस्लाम कबूल कर लिया। 2014 में खासेव को ड्रग्स लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लेकिन जल्द ही उसे रिहा कर दिया गया। बताया जा रहा है कि जेल से खासेव की रिहाई एक डील के तहत हुई थी और डील थी सीरिया में जाकर रूस के लिए जासूसी करने की। लेकिन सीरिया पहुंचते ही वो दोहरी जिंदगी जीने लगा। उसे दोनों तरफ से पैसे मिलने लगे। इसके बाद उसे खेल में मजा आने लगा। उसे मौत का डर भी नहीं रहा और आखिरकार इस खेल का वही अंजाम हुआ, जिसका अंदेशा खासेव को भी था। वीडियो में आईएस आतंकी रशियन भाषा में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को धमकी देता है और फिर चाकू से खासेव का गला रेत देता है। खासेव की जिंदगी जासूसी की दुनिया की एक ऐसी कहानी है, जिसे बार-बार दोहराया जाता रहा है। अक्सर छोटे-मोटे अपराधों से जुड़े नौजवानों को जासूसी की ट्रेनिंग देकर उन्हें मिशन पर भेज दिया जाता है। लेकिन कब किसी जासूस का दिमाग पलट जाए इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता।
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