नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को बीजेपी के लोकसभा सांसद कीर्ति आजाद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया. डीडीसीए विवाद में कीर्ति सार्वजनिक रूप से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाते रहे थे. अब बीजेपी के ही नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कीर्ति का बचाव करते हुए कहा है कि पार्टी को उनके जैसे ईमानदार नेता को नहीं खोना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि वो कीर्ति की हर संभव मदद करेंगे. कीर्ति ने कहा कि उन्हें पार्टी की तरफ से नोटिस मिला है और वो उसका जवाब देंगे. उन्होंने बताया कि सुब्रमण्यम स्वामी जवाब देने में उनकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा, 'मैं शाम तक पार्टी को जवाब दूंगा.' इस बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने कहा, 'मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि ड्राफ्ट नोटिस तैयार करने में कीर्ति आजाद की मदद करूंगा. मैं उन्हें तब से जानता हूं, जब वो नौजवान थे. मैं उनके पिता का अच्छा दोस्त रहा. इसके आगे मैं यही कहूंगा कि वो अब भी बीजेपी के सदस्य हैं. मुझे उनकी मदद करने का पूरा अधिकार है. मुझे नहीं लगता कि पार्टी को ऐसे ईमानदार इंसान को खोना चाहिए.'
आज तक से बातचीत में कीर्ति आजाद ने कहा कि उन्होंने अभी दूसरी पार्टी में जाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन पार्टी को दो टूक चेतावनी जरूर दे डाली. उन्होंने कहा- देखिए आगे-आगे होता है क्या. निलंबन के बाद कीर्ति ने कहा कि वो डीडीसीए में अनियमितताओं के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे. निलंबन के बाद मीडिया के सामने आए कीर्ति आजाद ने कहा कि मैंने कोई पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं की. मैं 9 साल से इस मुद्दे को उठा रहा हूं. अगर कोई जिम्मेदार है तो वो पार्टी स्वयं है. जो सच बोलता है वो बाहर होता है. अब मैं बताता हूं. मैंने व्यक्तिगत किसी के खिलाफ नहीं बोला. ये पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हटाया गया. कीर्ति ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपने निलंबन की वजह पूछी है. उन्होंने कहा, 'मैं पीएम नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि उन्हें सामने आकर सामने आकर बताना चाहिए कि मेरा कसूर क्या है. मैं जानना चाहता हूं कि क्या मुझे इसलिए निलंबित किया गया है कि मैंने डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है. क्या मुझे इसलिए निलंबित किया गया है कि मैंने बीसीसीआई में भी भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में आवाज उठाई थी. मैं उचित जवाब चाहता हूं. पार्टी को साफ करना चाहिए कि मैंने किनके साथ सांठ-गांठ की है. मार्ग दर्शक मंडल और वरिष्ठ नेताओं को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.'
दरअसल कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. आजाद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेटली का नाम लिए बगैर आरोप लगाया था कि डीडीसीए में फर्जी कंपनियों को करोड़ों का भुगतान किया गया. आजाद पिछले काफी समय से डीडीसीए में कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार को लेकर काफी मुखर रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कीर्ति को खत लिखकर उनके निलंबन की जानकारी दी. शाह ने खत में लिखा कि पिछले कुछ महीनों से आपने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया है और पार्टी विरोधी गतिविधियां की हैं. आपने पार्टी को मुसीबत में डालने के लिए विरोधी दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से सांठ-गांठ की. सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह आपने पार्टी के विरोध में गतिविधियां की हैं.
दिग्विजय ने पूछा, क्या अगला नंबर शत्रुघ्न का?
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर चुटकी ली है. उन्होंने एक के बाद एक करके कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने कीर्ति आजाद को निलंबित कर दिया है. उनका अपराध क्या है? उन्होंने तथ्यों के साथ डीडीसीए में हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया था.' उन्होंने आगे कहा, 'क्या बीजेपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों का यही हश्र होने वाला है? पहले राम जेठमलानी और अब कीर्ति. क्या अगला नंबर शत्रुघ्न सिन्हा का होगा?' दिग्विजय ने आगे कहा, 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. आज ये कहावत सच हो गई. इस्तीफा होना था जेटली का और निष्कासन हो गया कीर्ति का.'
शत्रुघ्न सिन्हा ने कीर्ति को बताया 'हीरो'
बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा लंबे समय से पार्टी के खिलाफ मुखर हैं. वो अपनी ही पार्टी के नेताओं पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. बुधवार को उन्होंने कीर्ति के निलंबन से पहले उन्हें 'हीरो' बताया था. कीर्ति के निलंबन के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर शत्रुघ्न के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
राहुल ने मांगा पीएम से जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कीर्ति आजाद के निलंबन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सीधे पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है. राहुल ने कहा, 'मोदी जी ने कहा था, 'न खाऊंगा न खाने दूंगा.' अब उनके सांसद ने कहा कि किसी ने खाया है तो उसे सस्पेंड करो. अब मोदी जी जवाब दें.'
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