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'हार्ट ऑफ एशिया' समिट के लिए पाक पहुंचीं विदेश मंत्री, बोलीं- बेहतर होने चाहिए भारत-पाक संबंध

इस्लामाबाद (उमाशंकर सिंह)। अफगानिस्तान मुद्दे को लेकर हो रहे 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज दो दिन के दौरे पर मंगलवार शाम इस्लामाबाद पहुंचीं। उनके साथ विदेश सचिव एस जयशंकर समेत एक छोटा प्रतिनिधिमंडल भी पाकिस्तान आया है। उनके यह दौरा यूं तो अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए है, लेकिन इसकी अहमियत इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि इस दौरे से भारत और पाकिस्तान के बीच रुकी पड़ी द्विपक्षीय बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ने की उम्मीद है। इस्लामाबाद पहुंचकर सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होने चाहिए और वह द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के रास्ते तलाशने के लिए बातचीत करेंगी। मोदी सरकार के बनने के बाद यह किसी भी भारतीय मंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा है। अपने दो दिवसीय दौरे पर इस्लामाबाद पहुंचने के तत्काल बाद सुषमा ने कहा, 'मैं इस संदेश के साथ आई हूं कि दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे होने चाहिए और आगे बढ़ने चाहिए।' मोदी सरकार के बनने के बाद किसी भी भारतीय मंत्री का यह पहला पाकिस्तान दौरा है। इस दौरान भारतीय विदेशमंत्री विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अज़ीज़ की तरफ से दी जा रही भोज में भी वह शामिल हो रही हैं। बुधवार को हार्ट ऑफ एशिया सम्मेल में शिरकत के बाद दोपहर को उनकी मुलाक़ात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से होगी। इसके बाद पाकिस्तानी समय के हिसाब से शाम पांच बजे सरताज अज़ीज़ से उनकी वार्ता होगी। इस वार्ता में पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर और भारत की तरफ से मुंबई हमले समेत आतंकवाद के मुद्दे उठेंगे। हालांकि उन्होंने इसकी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया कि वह पाकिस्तानी नेताओं के साथ क्या चर्चा करने जा रही हैं। सुषमा ने कहा, 'बातचीत के दौरान क्या होगा इस बारे में मुलाकात के बाद पता चलेगा।' सुषमा ने कहा, 'हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अफगानिस्तान से जुड़ा है। इसलिए मैं इसमें भाग लेने के लिए यहां आई हूं। यह सम्मेलन पाकिस्तान में हो रहा है इसलिए द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और इसे आगे ले जाने के बारे में बातचीत करने के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलना और सरताज अजीज के साथ वार्ता करना आवश्यक एवं उचित है।' विदेश मंत्री स्तर की इस बातचीत से पहले बैंकॉक में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात हो चुकी है। इसमें पाकिस्तान की तरफ से नसीर खान जंजुआ ने हिस्सा लिया, जिनका ताल्लुकात सेना से रहा है। इससे ये माना जा रहा है कि पाकिस्तान की चुनी हुई सरकार और सेना दोनों भारत के साथ बातचीत आगे बढ़ाने को लेकर सहमत हैं। इससे सेना की तरफ से बातचीत की प्रक्रिया में रुकावट डालने की आशंका कम हुई है। हाल ही में नवाज़ शरीफ़ ने कहा है कि पाकिस्तान बिना शर्त बातचीत को तैयार है। इससे पहले की बातचीत की दो कोशिशें हुर्रियत से मुलाक़ात के मुद्दे पर रद्द हो चुकी है। अब ये बातचीत पाकिस्तान में हो रही है, ऐसे में इस बार हुर्रियत से मुलाक़ात का कोई मसला नहीं। (साभार एनडीटीवी इंडिया)
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