नई दिल्ली। 22 दिसम्बर, 2015 को बल मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल में आयोजित सशस्त्र सीमा बल की 52वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित वार्षिक प्रेस कान्फ्रेन्स में बंशी धर शर्मा, महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल ने मीडिया कर्मियों के समक्ष बल के द्वारा सीमा प्रबन्धन के क्षेत्र में प्रारम्भ की गई नयी पहलों के साथ-साथ बल की प्रचलनात्मक उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। अपने संबोधन में श्री शर्मा ने बल के एक सीमा रक्षा संगठन मे रूपान्तरण का उल्लेख करते हुए कहा कि एसएसबी पहले मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रशासनिक नियंत्रण में था जिसे कारगिल युद्ध के बाद गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण मे लाकर भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमाओं की रक्षा का भार दिया गया। भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमाओं पर बल की नियुक्ति के सम्बंध में श्री शर्मा ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर बल की 471 एवं भारत-भूटान सीमा पर 153 सीमा चैकियाँ हैं। नेपाल एवं भूटान के साथ लगी सीमाओं पर राष्ट्र की सुरक्षा करने के साथ-साथ सशस्त्र सीमा बल जम्मू एवं कश्मीर में आन्तरिक सुरक्षा कार्य, बिहार, झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों एवं असम राज्य में अशांत क्षेत्र पट्टी
एवं बीटीएडी क्षेत्र के सुरक्षा कार्यों में भी संलग्न है। श्री शर्मा ने बताया कि असम का अशांत पट्टी क्षेत्र असम एवं नागालैण्ड राज्यों की सीमा पर स्थित गोलाघाट जिले में पड़ता है। 21 अगस्त, 2014 के दिन 14 निरपराध व्यक्तियों की जघन्य हत्या के बाद यह क्षेत्र समाचारों की सुर्खियों में आया था। इसके बाद 250 परिवारों को बेघर होना पड़ा। इस हत्याकांण्ड के बाद एस. एस. बी. की नौ कम्पनियों की तैनाती स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए की गई थी। एस. एस. बी. ने 245 परिवारों को पुर्नवासित किया एवं अब धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में शान्ति बहाल हो रही है। फिलहाल एसएसबी की सात वाहिनियां बिहार, झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों मे लगी हैं। महानिदेशक सशस्त्र सीमा बल ने बताया कि एस. एस. बीनेअब तक 148 नक्सलियों को हथियार एवं गोली, युद्धक परिधान, बर्तन एवं नक्सली साहित्य के साथ गिरफ्तार किया है। श्री शर्मा ने बताया कि एस. एस. बी. रावघाट रेलवे प्रोजेक्ट की भी रक्षा कर रहा है। 95 किलोमीटर लम्बी यह रेल परियोजना भिलाई इस्पात संयंत्र को छत्तीसगढ़ राज्य के माओवादी हिंसा से प्रभावित खनिज उत्पादक जिलों बालोद और कांकेर को जोड़ने के लिए लगाई जा रही है। इस रेलवे प्रोजेक्ट को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एस. एस. बी. की दो वाहिनियां लगी हैं। अभी तक इस रेलवे प्रोजेक्ट के 17 किलोमीटर रेलवे टैंक को लगाने का काम बिना किसी घटना के पूरा किया जा चुका है एवं शेष कार्य भी तीव्र गति से प्रगति पर है।
महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल ने बताया कि एसएसबी स्थानीय जनता के साथ बेहतर सम्बन्ध कायम करने के लिए विचार प्रबन्धन कार्यक्रमों का भी लगातार आयोजन करता आ रहा है। इसके तहत एसएसबी स्थानीय जनता को मेडिकल एवं वेटरीनरी सुविधाएं प्रदान करता है। इस वर्ष एस. एस. बी. के मेडिकल विंग के द्वारा अब तक 1209 मेडिकल शिविर लगाकर 92695 रोगियों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की गयीं। श्री शर्मा ने आगे बताया कि बल की पशु चिकित्सा शाखा ने अब तक कुल 2093 पशु चिकित्सा शिविर लगाकर ग्रामीण जनता के 33496 पशुओं की चिकित्सा की। विचार प्रबन्धन कार्यक्रम के तहत एस. एस. बी. युवाओं के लिए कुशलता विकास कार्यक्रमों का भी संचालन करता है। इसके साथ ही बल शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रमों, खेलकूद प्रोत्साहन एवं विभिन्न प्रकार के सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों का भी अनवरत रूप से आयोजन करता है। इस वर्ष कुल 18899 ग्रामीण इन परियोजनाओं से लाभान्वित हुए। श्री शर्मा ने आगे बताया कि बल का विचार प्रबन्धन कार्यक्रम बल के सभी कार्यक्षेत्रों के लिए चलाया जाता है चाहे यह भारत-नेपाल सीमा हो, भारत-भूटान सीमा हो या आन्तरिक सुरक्षा के क्षेत्र। श्री शर्मा ने यह विचार व्यक्त किया कि बल के विचार प्रबन्धन कार्यक्रम स्थानीय जनता का दिल एवं दिमाग जीतने का महत्वपूर्ण हथियार है। स्थानीय ग्रामीणों के समर्थन एवं सहयोग के बगैर सुरक्षा बल वांछित सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं। महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल ने बताया कि बल की पहुंच एवं कुशलता को बढ़ाने के लिए, बल ने नई पहल के तहत पूर्ण प्रशिक्षित ‘बार्डर इंटरएक्शन टीमों‘ का गठन किया है जो सादे वेष में अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के प्रवेश एवं निकास बिन्दुओ पर तैनात किए गए हैं ताकि आम जनता हमारे कार्मिकों से निर्भीक होकर मिल जुल सके। यह व्यवस्था अच्छी तरह काम कर रही है एवं इसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है।
श्री शर्मा ने बताया कि नेपाल में आए भयंकर भूकम्प के बाद भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी की घटनाओं में काफी इजाफा आ गया था। इसको देखते हुए एसएसबी ने विशेष अभियान चलाकर 102 मानव तस्करों को गिरफ्तार कर 336 लोगों को मानव-तस्करी से मुक्त कराया। भारत-भूटान सीमा पर भी एस. एस. बी. ने 7 मानव तस्करों को गिरफ्तार कर 28 लोगों को मुक्त कराया। श्री शर्मा ने वर्ष 2015 में बल द्वारा की गयी बरामदगियों का विवरण देते हुए बताया कि बल ने इस वर्ष 54.47 करोड़ रूपए मूल्य की निषिद्ध वस्तुएं, 53.80 करोड़ रूपए मूल्य के मादक पदार्थ, 0.18 करोड़ रूपए मूल्य की जाली भारतीय मुद्रा, 1.13 करोड़ रूपए मूल्य की अन्य मुद्रा, 48.85 करोड़ रूपए मूल्य के वन-उत्पाद, 9.10 करोड़ रूपए मूल्य के वन्यजीव उत्पाद, 10.19 करोड़ रूपए मूल्य का पशु धन, 0.32 करोड रूपए मूल्य का सोना, 0.29 करोड़ रूपए मूल्य की चांदी, 33.90 करोड़ रूपए मूल्य का पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं, 172 आग्नेयास्त्र, 4017 गोलियां, 1029.47 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ बरामद किया है। इन सभी बरामद वस्तुओं का कुल मूल्य 213.51 करोड़ रूपए है। बल ने इस वर्ष कुल 7316 तस्करों को गिरफ्तार किया है। नेपाल में आए भूकम्प के दौरान एस. एस. बी. द्वारा किए गए राहत अभियान का जिक्र करते हुए श्री शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा सहायता बल के अनुरोध पर एस. एस. बी. ने अपने 100 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 38 वाहनों के साथ काठमांडू, नेपाल भेजा। एस. एसबी. ने सभी महत्वपूर्ण रास्तों पर 13 राहत-शिविरों की स्थापना कर नेपाल के भूकम्प पीडि़तों को मेडिकल एवं भोजन आदि की व्यवस्था की। एस. एस. बी. ने कुल 69073 भूकम्प पीडि़तों को, जिनमें 994 विदेशी भी शामिल थे, निःशुल्क भोजन, मेडिकल सहायता एवं निकटस्थ रेलवे या बस स्टैंड तक ले जाने की परिवहन सुविधा प्रदान की। श्री शर्मा ने बताया कि नेपाल के भूकम्प पीडि़तों के लिए एसएसबी के अधिकारियों एवं जवानों ने अपने प्रयासों से 83.05 लाख रूपए मूल्य की 52 ट्रक राहत सामग्री प्रदान की। इस वर्ष बल की मुख्य उपलब्धियों के बारे में बताते हुए श्री शर्मा ने कहा कि एस. एसबी.कर्मियों के जोरदार प्रयासो से नेपाल के बारा जिले के 250 साल पुराने गढ़ीमाई मेला में बलि के लिए ले जाए जाने वाले पशुओं की संख्या पर रोक लगाने में सफलता पायी गयी। नेपाल का गढ़ीमाई मेला प्रत्येक पांच साल पर आयोजित होता है जिसमे भक्तगण भैंस, सूअर, बकरी, मुर्गी एवं चूहों की बलि देते थे।
गत 2009 के गढ़ीमाई मेले में लगभग पांच लाख जानवरों एवं पक्षियों की बलि दी गयी थी। इस वर्ष एस. एस. बी. कर्मियों ने रात-दिन एक कर नेपाल ले जाए जाने वाले पशु-पक्षियों की संख्या 35000 तक सीमित कर दी। इसका परिणाम यह हुआ कि नेपाल के गढ़ीमाई मेला प्रशासन ने सदियों पुरानी इस पशु-बलि प्रथा को बन्द करने की घोषणा की। श्री शर्मा ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से निबटने के लिए बल की सभी इकाइयों को एक अभियान ‘माई कैम्पस, ग्रीन कैम्पस‘ के तहत वृक्षारोपण करने का निर्देश दिया गया है। इस वर्ष अब तक बल के द्वारा 24276 पौधे रोपे गए एवं यह अभियान अभी भी जारी है। बल के साहसिकं खेल अभियानों के बारे में बताते हुए श्री शर्मा ने कहा कि गत वर्ष एस.एस.बी. के पर्वतारोहियों ने सफलता पूर्वक माउंट एवरेस्ट का आरोहण किया और इस वर्ष बल के पर्वतारोहियों ने सफलता पूर्वक माउंट त्रिशूल का भी आरोहण किया। इस वर्ष एस. एस. बी. ने एक 52 दिवसीय बन्धुत्व रैली का भी आयोजन किया जिसमें टेªकिंग, साईकिलिग एवं राफ्टिंग गतिविधियां शामिल थी। रैली की शुरूआत रानीखेत सीमांत के कालापानी सीमा चैकी एवं समापन सिलीगुड़ी सीमान्त के काली खोला सीमा चैकी में हुआ। प्रचलनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ एस. एस. बी. कर्मी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेलकूद प्रतिस्पर्धाओं मे भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे है। इस वर्ष एस. एस. बी. के खिलाडियों ने अन्तर्राष्ट्रीय खेलकूद स्पर्धाओं में तीन स्वर्ण पदक, छह रजत पदक एवं दो कांस्य पदक जीते। राष्ट्रीय खेलों एवं चैम्पियनशिपों में भी एस. एस. बी. के खिलाडि़यों ने तीन स्वर्ण पदक, दो रजत पदक एवं चार कांस्य पदक जीते। स्वच्छ भारत अभियान के तहत एस. एस. बी. ने उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल एवं असम में 309 ग्रामीण विद्यालयों को ग्रहण किया है एवं वहां पर अब गढ़ीमाई मेला के सम्पन्न हो जाने के बाद माननीय उच्चतम न्यायालय ने महानिदेशक सशस्त्र सीमा बल को इस मुद्दे को प्रभावकारी तरीके एवं पूरी समग्रता से हल करने के लिए एक संयुक्त सभा बुलाने का निर्देश दिया। इस तरह बल मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल मंे इस मुद्दे पर व्यापक विश्लेषण करने के लिए एक बैठक आहूत की गयी। बैठक मे विचार विमर्श के बाद सुझावों को सूचीबद्ध किया गया एवं अनुशंसाओं को माननीय सर्वोच्च न्यायलय के समक्ष एक एफिडेविट के रूप में पेश किया गया। महानिदेशक सशस्त्र सीमा बल की अनुशंसाओं को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार कर सभी समंबधित पक्षो को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
श्री शर्मा ने आगे बताया कि बल की सभी इकाइयां स्थानीय जनता के साथ मिलकर नियमित रूप से स्थानीय गावं एवं शहरों में सफाई एवं स्वच्छता अभियान चला रहा है। बल मुख्यालय में भी प्रत्येक शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी दो घन्टे सफाई कार्य में लगाते हैं। श्री शर्मा ने आगे बताया कि एस. एस. बी. की इकाइयां पीलीभीत, अल्मोडा़ , खपरैल, पट्टन, बलरामपुर, शिमला, अलवर, जामनगर, सीतामढी़ एवं शम्सी में पर्यटन महत्व के 12 स्थानों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफाई एवं स्वच्छता कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के सम्बंध में श्री शर्मा ने बताया कि एस. एस. बी. ने भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमाओं पर अब तक कुल 363495 बैंक खाते खुलवाए है। श्री शर्मा ने बताया कि बल भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमाओं पर निःशुल्क मेडिकल मोबाइल एम्बुलेन्स सेवा का भी परिचालन कर रहा है। अब तक इस सुविधा से पड़ोसी देशों नेपाल एवं भूटान के नागरिकों सहित कुल 2278 लोग लाभान्वित हुये है। श्री शर्मा ने बताया कि एस. एस. बी. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ‘जीरो टाॅलरेन्स‘ की नीति अपना रहा है। इसके लिए बल ने एक टाॅल फ्री नम्बर 1903 स्थापित किया है जिस पर कोई भी व्यक्ति दुव्र्यहार एवं भ्रष्टाचार के सम्बंध में शिकायते दर्ज करा सकता है। इसके साथ ही लोग तस्करी पर रोकथाम लगाने के लिए भी शिकायतें दर्ज करा सकते है।
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