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डीडीसीए प्रकरणः मुझे निपटाने के लिए एक सांसद की सोनिया गांधी से मिलीभगत: अरुण जेटली

नई दिल्ली। डीडीसीए विवाद को लेकर अरुण जेटली घिरे हुए हैं लेकिन अरुण जेटली ने इस विवाद में सोनिया गांधी का नाम घसीट लिया है. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में जेटली का इंटरव्यू छपा है जिसमें उन्होंने बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया है कि मुझे निपटाने के लिए एक सांसद सोनिया गांधी से मिला. इशारा कीर्ति आजाद की ओर ही जा रहा है. जेटली ने कहा, ”कांग्रेस नेतृत्व और आज़ाद की दिमागी साजिश के मिलन का ही नतीज़ा है कि उन्हें निशाना बनाया गया. एक सांसद ने कांग्रेस सरकार को इस बारे में लिखा था और वह सोनिया गांधी से मिला. सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने कहा था कि वे जेटली को फिक्स करेंगे.” हालांकि जेटली ने सीधे तौर पर कीर्ति आज़ाद का नाम नहीं लिया. केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को निशाना बना रहे बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद डीडीसीए के कथित भ्रष्टाचार को लेकर आज प्रेस कांफ्रेन्स करेंगे. सूत्रों के मुताबिक अगर कीर्ति आजाद अपनी सीमा लांघते है तो बीजेपी कीर्ति के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है. जेटली ने आजाद को कथित रूप से ‘‘ट्रोजन हॉर्स’’ कहा था जिस पर आजाद ने एक ट्वीट में कहा कि वह ट्रोजन हॉर्स नहीं, बल्कि एचिलेस हील है, बहरूपिये को बेनकाब किए जाने तक इंतजार कीजिए.
जेटली ने दी सफाई 
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर आज लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस पर अरुण जेटली ने अपने बयान में सफाई देते हुए कहा कि दिल्ली में क्रिकेट स्टेडियम का पुनर्निमाण करवाया जिसकी लागत 114 करोड़ थी। वहीं कीर्ति आजाद ने लोकसभा में जेटली पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि DDCA मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने के वी थामस, के सी वेणुगोपाल, पी वेणुगोपाल, सुष्मिता देव समेत कुछ अन्य सदस्यों के कार्यस्थगल के नोटिस को अस्वीकार कर दिया और उनसे अन्य अवसरों पर इन्हें उठाने को कहा। डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर आज कांग्रेस सदस्यों ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के सदस्य कुछ कहना चाहते थे और पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अध्यक्ष से नोटिस पर विचार करने का आग्रह किया। क्षुब्ध नजर आ रही सुमित्रा महाजन ने कहा कि आज मैं आपमें से किसी को बोलने से नहीं रोकूंगी। आप जो बोलना चाहते हैं बोलें। इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सदन को हर दिन बाधित नहीं किया जा सकता, प्रश्नकाल चलने की अनुमति दी जानी चाहिए। अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी बात रखने के लिए कहा। लेकिन वह कुछ बोल नहीं सके और पीछे बैठे सदस्य से कागजात मांगते देखे गए। इसके बाद वह सदन से बाहर गए और के सुरेश के साथ कुछ कागजात लेकर वापस लौटे। और फिर बात रखने की अनुमति देने की मांग करने लगे। लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रश्नकाल शुरू हो गया है, इसलिए आप अपनी बात शून्यकाल में रखें। सदन में उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे लेकिन सदन में पार्टी के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे उपस्थित नहीं थे। सोनिया गांधी को ज्योतिरादित्य सिंधिया और के सुरेश से कुछ पूछते देखा गया। इसके बाद कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे ‘जेटली इस्तीफा दो’, हिटलरशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बाद अध्यक्ष ने 11 बजकर 10 मिनट पर यह कहते हुए कार्यवाही साढे 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी कि शोर शराबा कर रहे सदस्य कार्यवाही चलाना ही नहीं चाहते हैं।  
संसद में हुआ जेटली और कीर्ति का आमना-सामना 
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर आज लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। आज सदन में अरुण जेटली और बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद का आमना-सामना हुआ। ये देखना दिलचस्प था कि पहले जेटली ने अपनी सफाई दी और तुरंत बाद आजाद ने अपनी बात रखते हुए सीबीआई जांच की मांग कर डाली। इस पर अरुण जेटली ने अपने बयान में सफाई देते हुए कहा कि दिल्ली में क्रिकेट स्टेडियम का पुनर्निमाण करवाया जिसकी लागत 114 करोड़ थी। जेटली ने कहा कि पब्लिक सेक्टर कंपनी को ठेका दिया गया। घोटाले का आरोप बेबुनियाद है। यूपीए सरकार में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर 900 करोड़ का खर्च आया था। ने वहीं कीर्ति आजाद ने जेटली पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि DDCA मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। कीर्ति ने कहा कि मौजूदा सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार से लड़ रही है और डीडीसीए मामले की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इससे पूरा सच सामने आ जाएगा। सीबीआई और एसआईटी मिल कर इस पूरे मामले को देखे और सच सामने लाए। आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने के वी थामस, के सी वेणुगोपाल, पी वेणुगोपाल, सुष्मिता देव समेत कुछ अन्य सदस्यों के कार्यस्थगल के नोटिस को अस्वीकार कर दिया और उनसे अन्य अवसरों पर इन्हें उठाने को कहा। कांग्रेस के सदस्य कुछ कहना चाहते थे और पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अध्यक्ष से नोटिस पर विचार करने का आग्रह किया। क्षुब्ध नजर आ रही सुमित्रा महाजन ने कहा कि आज मैं आपमें से किसी को बोलने से नहीं रोकूंगी। आप जो बोलना चाहते हैं बोलें। इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सदन को हर दिन बाधित नहीं किया जा सकता, प्रश्नकाल चलने की अनुमति दी जानी चाहिए। अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी बात रखने के लिए कहा। लेकिन वह कुछ बोल नहीं सके और पीछे बैठे सदस्य से कागजात मांगते देखे गए। इसके बाद वह सदन से बाहर गए और के सुरेश के साथ कुछ कागजात लेकर वापस लौटे। और फिर बात रखने की अनुमति देने की मांग करने लगे। लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रश्नकाल शुरू हो गया है, इसलिए आप अपनी बात शून्यकाल में रखें। सदन में उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे लेकिन सदन में पार्टी के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे उपस्थित नहीं थे। सोनिया गांधी को ज्योतिरादित्य सिंधिया और के सुरेश से कुछ पूछते देखा गया। इसके बाद कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे ‘जेटली इस्तीफा दो’, हिटलरशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बाद अध्यक्ष ने 11 बजकर 10 मिनट पर यह कहते हुए कार्यवाही साढे 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी कि शोर शराबा कर रहे सदस्य कार्यवाही चलाना ही नहीं चाहते हैं। राज्यसभा में आज भी घमासान मचा रहा। विपक्ष ने डीडीसीए घोटाले में नाम आने को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग की। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए सदन स्थगित भी करना पड़ा। हालांकि जेटली इस मुद्दे पर सदन में चर्चा को तैयार थे, बावजूद इसके हंगामा जारी रहा। गुलाम नबी आज़ाद ने सदन में DDCA का मुद्दा उठाया। सभापति ने इसे सदन की कारवाई से हटा दिया। लेकिन इस पर अरुण जेटली ने उठ कर कहा कि मुझे कोई दिक्कत नहीं है। अगर मेरे खिलाफ किसी के पास कोई तथ्य है तो उसे उठाएं, मैं अभी सारे जवाब दूंगा।  
कीर्ति ने ट्वीट कर जेटली पर साधा निशाना 
डीडीसीए में भ्रष्टापचार के खुलासे का दावा करने वाले बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने ट्वीट किया है कि मुझ पर मानहानि का केस क्यों नहीं कर रहे जेटली। कीर्ति आजाद ने ट्वीट में कहा कि अरुण जेटली ने मेरा नाम क्यों हटा दिया। आपने तो मेरे लेटर देखे थे, मुझ पर करो ना केस। रजिस्टर्ड पोस्ट से मैंने भेजे थे। दरअसल, जेटली कई 'आप' नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस दायर करने जा रहे हैं। भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंकस में कहा था कि DDCA ने कई फर्जी कंपनियों से करार कर करोड़ों रुपये दिए। DDCA में किराये पर लिए गए सामान पर बड़ी फिजूलखर्ची की गई। यहां तक की DDCA ने प्रिंटरों और कंप्यू टरों तक को भारी कीमत पर किराए पर लिया। रविवार शाम को कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्रिकेट संघ में चल रही धांधली के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने एक सीडी रिलीज करते हुए डीडीसीए में फ्रॉड बिलों की पोल खोली, हालांकि आजाद ने साफ किया कि ये लड़ाई निजी रूप से किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन तमाम इशारे वित्तमंत्री अरुण जेटली पर सवाल उठाते रहे। आजाद ने पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी और पूर्व क्रिकेटर सुरिंदर खन्ना के साथ मिलकर ये मोर्चा खोला। इन सबने सीधे तौर पर तो किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन ये जरूर कहा कि किसी के नाक के नीचे ये भ्रष्टाचार हो और उसे पता ना हो ये कैसे हो सकता है? उधर, डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा ने माना कि डीडीसीए करप्शन से अछूता नहीं, लेकिन अरुण जेटली का इससे कोई लेना-देना नहीं रहा है। साफ है कि सिपाही बेइमान हो और सेनापति को इसका अंदाजा भी ना हो, ऐसा मुमकिन नहीं, लेकिन जेटली का नाम सीधे तौर पर सामने आने के लिए मामले को एक बड़ी और गंभीर जांच की जरूरत है।
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