पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत पाने वाले महागठबंधन विधायक दल के नेता नीतीश कुमार 20 नवंबर को दोपहर 2 बजे अपने मंत्रिमंडल के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, कांग्रेस नेता सीपी जोशी, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी सहित महागठबंधन के तीनों घटक दलों - जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं के एक शिष्टमंडल के साथ शनिवार शाम राजभवन जाकर राज्यपाल राम नाथ कोविंद के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि राज्यपाल को महागठबंधन के विधायक दल के नेताओं द्वारा लिए गए निर्णय की सूचना दी गई और पत्र सौंपा गया और उसके बाद राज्यपाल महोदय ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज है और रहेगा।
इससे पहले नीतीश को शनिवार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुन लिया गया। तीनों दलों के संयुक्त विधायक दल की बैठक में 64-वर्षीय नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव आरजेडी संसदीय बोर्ड की प्रमुख राबड़ी देवी ने किया और कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी ने उसका समर्थन किया। इस बैठक में लालू प्रसाद यादव भी मौजूद थे। चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के कारण लालू के चुनाव लड़ने पर रोक है। इस बैठक में तीनों पार्टियों के विधायकों के बीच मिलनसारिता दिखी और उन्होंने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और एक-दूसरे को गले लगाया। नीतीश कुमार ने कहा, 'मतदाताओं ने हम पर जो विश्वास जताया है, उसे साकार करने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।'
महागठबंधन विधायक दल की बैठक में मौजूद रहे जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सभी विधायकों ने नीतीश के नाम का अनुमोदन किया और इस निर्णय पर ताली बजाई। उन्होंने बताया कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव, जेडीयू महासचिव केसी त्यागी और कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी बैठक में मौजूद थे। इससे पहले दिन में जेडीयू ने नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से अपने विधायक दल का नेता चुना। नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने बैठक में संक्षिप्त भाषण दिए और विधायकों को लोगों की ओर से उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारियां याद दिलाईं। विधान परिषद एनेक्सी में महागठबंधन की बैठक से पहले जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की अलग-अलग बैठकें हुईं।
आरजेडी ने शुक्रवार को महागठबंधन के विधायक दल के नेता के रूप में नीतीश के नाम पर अपनी मुहर लगा दी थी। लालू प्रसाद यादव को आरजेडी विधायक दल का नेता चुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उन्होंने कोई नाम घोषित नहीं किया। इसके साथ ही इस पर भी रहस्य बरकरार है कि उनके दो पुत्रों में से कोई एक गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री होगा या नहीं। महागठबंधन ने 243-सदस्यीय बिहार विधानसभा में 178 सीटों पर जीत दर्ज करके दो-तिहाई से अधिक बहुमत हासिल किया है। आरजेडी ने 80 सीटें, जेडीयू ने 71 सीटें और कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की। बिहार में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 36 मंत्री ही हो सकते हैं, क्योंकि कुल मंत्रियों की संख्या सदन के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
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