नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने शाहरुख खान को लेकर दिया अपना बयान वापस ले लिया है। कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करके कहा 'किसी को ठेस पहुंचाने की मेरी मंशा नहीं थी। मैं कल के ट्वीट्स वापस लेता हूं।' विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा 'अगर भारत में असहिष्णुता होती तो अमिताभ के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता शाहरुख़ न होते, मेरे ट्वीट को कुछ लोगो ने अलग अर्थों में लिया है।' दरअसल, इस बयान के बाद कैलाश विजयवर्गीय को चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ी। खुद बीजेपी ने भी उनके इस बयान से किनारा कर लिया था।
कैलाश विजयवर्गीय ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान पर सीधा हमला बोलते हुए पांच ट्वीट कर खूब आग उगली थी। विजयवर्गीय ने अपने पहले ट्वीट में कहा था, 'शाहरुख़ खान रहते भारत में हैं पर उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है। उनकी फिल्में यहां करोड़ो कमाती हैं पर उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है।'उन्होंहने शाहरुख खान की देशभक्ति पर भी सवाल खड़े किए थे। गौरतलब है कि अपने 50वें जन्मदिन के मौके पर शाहरुख खान ने एनडीटीवी पर बरखा दत्त से बात करते हुए देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि यह बेहद अपमानजनक और शर्मनाक है कि मुझे मेरी राष्ट्रभक्ति साबित करनी पड़ती है। शाहरुख ने कहा था कि पश्चिमी देशों में आपकी राय का सम्मान होता है, लेकिन हमारे देश में, मुझे लगता है कि अगर मेरी राय आपके साथ नहीं मिलती है तो यह विवाद को जन्म दे देती है। शाहरुख ने यह भी कहा कि मैं जो सोचता हूं अक्सर वो बोल नहीं पाता हूं, क्योंकि मुझे मेरी फिल्मों को लेकर चिंता होती है। उन्होंने कहा, हमारे मांस खाने की आदतों से हमारे धर्मों का निर्धारण नहीं हो सकता। 'किंग खान' ने कहा, मेरे घर में हर कोई अपना-अपना धर्म मानने को आजाद है। मेरे बच्चे असमंजस में रहते हैं कि वे हिन्दू हैं या मुस्लिम। मैं पूछता हूं ईसाई क्यों नहीं।
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