शांति, सेवा और सियासत के बीच तालमेल बिठाना कोई रमेश कुमार सिंह से सीखे। बिहार के सीवान जिलान्तर्गत मैरवा ब्लाक के सेवतापुर निवासी भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश कुमार सिंह का आचार-विचार-व्यवहार बेहद लोकप्रिय है। भाजपा के बड़े नेताओं के आश्वासन के बाद जीरादेई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे रमेश कुमार सिंह को टिकट नहीं मिला। टिकट न मिलने के बावजूद राजनीति में बने रहने के लिए वे आजकल क्या कर रहे हैं? देश के प्रमुख व लोकप्रिय न्यूज पोर्टल www.newsforall.in (एनएफए) से एक्सक्लूसिव बातचीत में रमेश कुमार सिंह आध्यात्मिक अंदाज में कहते हैं- ‘धैर्य के साथ सेवा करने में जो सुकुन है, वो सियासत में कहां?’ प्रस्तुत है भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश कुमार सिंह (रकुसिं) से बातचीत के कुछ प्रमुख अंशः
एनएफएः आप भाजपा से जीरादेई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, क्या हुआ?
रकुसिः कुछ नहीं हुआ। सिर्फ टिकट नहीं मिला। (हंसते हुए) मैं बेटिकट हो गया।
एनएफएः आपको टिकट ना मिलने की वजह?
रकुसिः यह मैं नहीं जानता। इस संबंध में पार्टी के बड़े नेता बताएंगे।
एनएफएः बड़े नेता मतलब?
रकुसिः जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष।
एनएफएः टिकट न मिलने से मायूसी तो हुई होगी?
रकुसिः बेशक। जन आकांक्षाओं के अनुरूप जीरादेई विधानसभा सीट से चुनाव की सिस्टमेटिक तैयारी की गई थी। यदि पार्टी ने टिकट दिया होता तो अच्छा होता।
एनएफएः तो क्या यह कह सकते हैं कि आपको राजनीतिक रूप से धक्का लगा?
रकुसिः नहीं। बिल्कुल नहीं। मुझे कोई धक्का नहीं लगा। मुझे टिकट नहीं मिला, यह पार्टी और बड़े नेताओं की मंशा थी। मैं इस मुद्दे को बिल्कुल सामान्य तरीके से ले रहा हूं।
एनएफएः फिर सियासत में कायम रहने के लिए क्या कर रहे हैं?
रकुसिः वही, जो पहले करता था।
एनएफएः क्या करते थे?
रकुसिः जनसेवा। जनसेवा से बढ़कर कोई कर्म नहीं, धर्म नहीं, सियासत नहीं।
एनएफएः लेकिन नेताओं को तो सियासत में आनन्द में आता है और आप सेवा की बात कर रहे हैं? रकुसिः जिन्हें आता होगा, उन्हें आता होगा। मैं तो जनसेवक हूं। मेरी पत्नी इलाके की लोकप्रिय मुखिया है। इस माध्यम से लोगों की सेवा करने का मौका मिलता है। इसमें जो सुकुन मिलता है, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। जो सुकुन सेवा करने में है, वह राजनीति में कहां?
एनएफएः जीरादेई विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए कोई संदेश?
रकुसिः वोट उसे दें, जो निःस्वार्थ भाव से सेवा करने की क्षमता रखता हो। लुटेरों और रिश्वतखोरों से क्षेत्र को बचाने के लिए स्वच्छ छवि वाले व्यक्ति के पक्ष में मतदान किया जाना चाहिए।
एनएफएः आप भाजपा से जीरादेई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, क्या हुआ?
रकुसिः कुछ नहीं हुआ। सिर्फ टिकट नहीं मिला। (हंसते हुए) मैं बेटिकट हो गया।
एनएफएः आपको टिकट ना मिलने की वजह?
रकुसिः यह मैं नहीं जानता। इस संबंध में पार्टी के बड़े नेता बताएंगे।
एनएफएः बड़े नेता मतलब?
रकुसिः जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष।
एनएफएः टिकट न मिलने से मायूसी तो हुई होगी?
रकुसिः बेशक। जन आकांक्षाओं के अनुरूप जीरादेई विधानसभा सीट से चुनाव की सिस्टमेटिक तैयारी की गई थी। यदि पार्टी ने टिकट दिया होता तो अच्छा होता।
एनएफएः तो क्या यह कह सकते हैं कि आपको राजनीतिक रूप से धक्का लगा?
रकुसिः नहीं। बिल्कुल नहीं। मुझे कोई धक्का नहीं लगा। मुझे टिकट नहीं मिला, यह पार्टी और बड़े नेताओं की मंशा थी। मैं इस मुद्दे को बिल्कुल सामान्य तरीके से ले रहा हूं।
एनएफएः फिर सियासत में कायम रहने के लिए क्या कर रहे हैं?
रकुसिः वही, जो पहले करता था।
एनएफएः क्या करते थे?
रकुसिः जनसेवा। जनसेवा से बढ़कर कोई कर्म नहीं, धर्म नहीं, सियासत नहीं।
एनएफएः लेकिन नेताओं को तो सियासत में आनन्द में आता है और आप सेवा की बात कर रहे हैं? रकुसिः जिन्हें आता होगा, उन्हें आता होगा। मैं तो जनसेवक हूं। मेरी पत्नी इलाके की लोकप्रिय मुखिया है। इस माध्यम से लोगों की सेवा करने का मौका मिलता है। इसमें जो सुकुन मिलता है, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। जो सुकुन सेवा करने में है, वह राजनीति में कहां?
एनएफएः जीरादेई विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए कोई संदेश?
रकुसिः वोट उसे दें, जो निःस्वार्थ भाव से सेवा करने की क्षमता रखता हो। लुटेरों और रिश्वतखोरों से क्षेत्र को बचाने के लिए स्वच्छ छवि वाले व्यक्ति के पक्ष में मतदान किया जाना चाहिए।
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