नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दादरी कांड पर चुप्पीक तोड़ते हुए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुखद घटना बताया। पीएम मोदी ने आनंद बाज़ार पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा कि दादरी की घटना दुखद है, लेकिन साथ ही सवाल किया कि इसमें केंद्र सरकार का क्यात रोल है? पीएम ने साफ किया कि बीजेपी कभी भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं करती। उन्होंरने कहा, बीजेपी ने हमेशा छद्म धर्मनिरपेक्षता का विरोध किया है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि ऐसी घटनाओं के जरिए विपक्ष ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। साथ ही कहा कि बातचीत से हर समस्याक का समाधान संभव है। उन्होंुने दादरी मामले के साथ-साथ शिवसेना द्वारा पाकिस्ता्नी गजल गायक गुलाम अली का किए गए विरोध को भी अफसोसजनक बताया।
पीएम के दादरी कांड पर चुप्पीस तोड़ने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि 'यदि मोदी दादरी की घटना से दुखी है तो जिन भाजपा नेताओं ने दादरी की घटना का अप्रत्यक्ष समर्थन किया है, उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही क्यों नहीं करते?' उन्होंरने सवाल किया, 'यदि मोदी जी ग़ुलाम अली का विरोध और सुधीन्द्र कुलकर्णी पर कालिख पोतने को सही नहीं मानते हैं तो क्या शिव सेना से गठबन्धन तोड़ेंगे?' उल्लेषखनीय है कि गोमांस की अफवाह पर दादरी के बिसाहड़ा गांव में अखलाक नामक व्य क्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। इस घटना की चौतरफा निंदा हुई और इस पर खूब राजनीति भी। कांग्रेस उपाध्ययक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, बीजेपी नेता संगीत सोम, सांसद महेश शर्मा और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी से लेकर कई नेता गांव पहुंचे थे। इसके साथ ही मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पीअ पर भी राजनीतिक दलों ने सवाल उठाए थे। गांव में कवरेज के लिए गई मीडिया का भी स्थाानीय लोगों ने काफी विरोध किया था। बाद में यूपी पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तारियां भी किया। यहां तक की राष्ट्रोपति प्रणब मुखर्जी ने भी इस घटना की निंदा की थी।
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