सर्वधर्म समभाव व सत्य अहिंसा के पुजारी देश के पहले राष्ट्रपति डा.राजेन्द्र प्रसाद की धरती जीरादेई आसन्न विधानसभा चुनाव में भांति-भांति की सियासी रंग से आलोकित हो रही है। इसी क्रम में प्रमुख समाजसेवी राणा प्रताप सिंह ने किसी प्रमुख दल से टिकट न मिलने के बावजूद सियासी रण में कूदने को खम ठोक दिया है। इससे मुकाबला रोचक होने के आसार बढ़ गए हैं।
मैरवा (सीवान, बिहार, भारत)। आज के बदले घटनाक्रम के बाद जीरादेई विधानसभा सीट पर सियासी जंग रोचक होने के आसार बढ़ गए हैं। इलाके के प्रमुख समाजसेवी राणा प्रताप सिंह ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। एक-एक, दो-दो दिन के अंतराल पर लगातार तीन दिन हुई क्षेत्र के व्यापारियों और आम नागरिकों की बैठक में लोगों का मन टटोलने के बाद राणा प्रताप सिंह ने जीरादेई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का अडिग फैसला कर लिया है। इससे उनके समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस प्रकार देशरत्न की जन्म धरती जीरादेई में अभी से नए-नए सियासी रंग देखने को मिलने लगे हैं।
गौरतलब है कि देशकाल की सियासत में गहरी रूचि रखने व जनसमस्याओं से चिंतित रहने वाले राणा प्रताप सिंह को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से टिकट मिलना तय था। इस बाबत स्थानीय स्तर से लेकर आलाकमान तक सबने हामी भी भर दी थी। इसी बीच महागठबंधन में सीटों के तालमेल के दरम्यान जीरादेई सीट जदयू के खाते में चली गई। फलस्वरूप राणा प्रताप सिंह को बेटिकट होना पड़ा। बावजूद इसके इसे इनकी लोकप्रियता ही कही जाएगी कि इलाके के लोगों ने राणा प्रताप सिंह को हरगिज चुनाव लड़ने को राजी कर लिया। तीन दिन तक हुई गहन मंथन व मैराथन बैठक के उपरांत आज आखिरकार इस बात पर मुहर लग ही गई कि राणा प्रताप सिंह चुनाव अवश्य लड़ेंगे।
राणा प्रताप सिंह ने भी चनइनियाडीड मंदिर में 29 सितंबर (मंगलवार) को हुई बैठक में जनाकांक्षाओं के मद्देनजर लोगों के सप्रेम व विनम्रपूर्ण आग्रह को स्वीकार लिया। उन्होंने एलान किया कि वे अब अवश्य चुनाव लड़ेंगे। कहा- ‘यदि इलाके की जनता मेरे साथ है तो जीत भी मेरी ही होगी। चुनाव पूरे दम से ल़ड़ा जाएगा।’ बैठक में हर जाति-धर्म, वर्ग-समुदाय के लोगों को देखकर उत्साहित हुए राणा प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि आज उनके साथ जो एक कदम चल रहा है, उसके साथ वे आजीवन चलेंगे। उन्होंने लोगों को यह भी आश्वस्त किया कि उनकी शैली से कभी किसी को आहत नहीं होना पड़ेगा।
आज की बैठक में अन्य लोगों के अलावा मुख्य रूप से असगर, रामनरेश तिवारी, रमेश सिहं, दिलीप सिंह, बाबू लाल यादव, शमशुद्दीन, शिवजी मिश्रा, पंडित शुक्ला, तुलसी पंडित, मुन्ना यादव, रामा कांत ठाकुर, गुलाब राम, रतन प्रसाद, मनन यादव, अरविन्द सिंह, स्वामीनाथ सिंह, सोनू सिंह, रामनाथ जायसवाल, काशी जायसवाल, पशराम, सन्नी, अकबर लालगंज समेत हजारों लोग मौजूद रहे। अंत में राणा प्रताप सिंह जिन्दाबाद के नारे के साथ सभा का समापन किया गया।
रिपोर्टः सन्नी
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