नई दिल्ली। 2004 से राजनीति में एक्टिव कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी लोगों का मिजाज समझने के लिए और एक साल देश भर में घूमना चाहते हैं। यह जानकारी पार्टी प्रेसिडेंट और राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी के पॉलिटिकल सेक्रेटरी अहमद पटेल ने दी। शनिवार को चुनिंदा जर्नलिस्ट्स से मुलाकात में उन्होंतने यह बात कही। इससे पहले खबरें आई थीं कि सितंबर, 2015 में राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते हैं। राहुल गांधी के बारे में पटेल के इस बयान को बिहार और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। जानकार मानते हैं कि यह एक सोची-समझी नीति का हिस्साो हो सकता है। यह चुनावों में पार्टी के अच्छाक परफॉर्म नहीं करने की सूरत में राहुल को बचाने की नीति हो सकती है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ सीनियर लीडर्स को डर है कि युवा नेताओं को आगे लाने के लिए राहुल गांधी उन्हें उनके पदों से हटा सकते हैं। आलाकमान की चिंता है कि इस डर के चलते सीनियर लीडर्स पार्टी छोड़ने का फैसला न कर लें। इसलिए 8 सितंबर को कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्लूसी) की बैठक बुलाई गई है। यह कांग्रेस में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर कमिटी है। इसकी मीटिंग में सीनियर लीडर्स को पार्टी से अलग होने से रोकने की कोशिश की जाएगी। सीडब्लूसी में तीन राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किए जा सकते हैं। इनमें से एक प्रस्ताव में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगे कथित तौर पर झुकने की आलोचना की जाएगी। मीडिया में आई खबर के मुताबिक ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) के कामकाज में सोनिया गांधी प्रियंका वाड्रा की मदद ले सकती हैं। अभी तक प्रियंका सिर्फ सोनिया या राहुल के चुनावी क्षेत्रों में ही उनकी मदद करती रही हैं।
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