नई दिल्ली। नेपाल में नए संविधान के विरोध में हुई हिंसा के बाद भारत ने काठमंडु से अपने राजदूत को आपात वार्ता के लिए दिल्ली बुलाया है। भारतीय सीमा से सटे तराई इलाक़े में संविधान के विरोध में हुई हिंसा में अब तक चालीस से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। दक्षिणी नेपाल के तराई इलाक़ों में नेपाल की क़रीब आधी आबादी रहती है। नेपाल की तराई में रह रहे लोग पिछले 39 दिनों से हड़ताल पर हैं। भारत की सीमा से सटे इन इलाक़ों में रह रहे इन लोगों का कहना है कि नेपाल के नए संविधान में उनके अधिकारों में कटौती कर दी गई है। रविवार को संविधान लागू होने के बाद से विरोध प्रदर्शन और तीव्र हो गए हैं।
नेपाल के राषट्रपति रामबरन यादव ने रविवार को नेपाल का नया संविधान राष्ट्र को समर्पित किया था। तराई के अधिकांश ज़िलों में कर्फ़्यू और निषेधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इससे लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़ इस आंदोलन में अबतक 46 से अधिक मधेशियों की मौत हो चुकी है। भारत ने नेपाल सरकार को संविधान को टालने के लिए मनाने की कोशिशें की थीं। भारत का कहना था कि नेपाली समाज के सभी वर्गों के बीच राजनीतिक सहमति बनना ज़रूरी है।
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