नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को बड़ा झटका लगा है। इस अभियान की मुखिया और गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी विजयलक्ष्मी जोशी ने अचानक नौकरी छोड़ने का फैसला किया है। टीवी रिपोर्ट्स अनुसार विजयलक्ष्मी जोशी की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस को पीएमओ ने मंजूर कर लिया है। फिलहाल वह एक महीने के नोटिस पीरियड पर हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पेयजल एवं स्वरच्छनता मंत्रालय ने विजयलक्ष्मी का इस्तीफा कैबिनेट सचिवालय को भेज दिया है। 1980 बैच की आईएएस अधिकारी विजयलक्ष्मी जोशी स्वच्छ भारत मिशन का नेतृत्व करने के साथ-साथ पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय में सचिव के पद पर तैनात हैं। अभी उनके रिटायर होने में तीन साल बचे हैं लेकिन स्वच्छ भारत मिशन पूरा होने से एक साल पहले ही उन्होंने वीआरएस लेने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि उन्होंने निजी कारणों से वीआरएस मांगा है। लेकिन मोदी सरकार की सबसे पहली और बड़ी पहल को आला अधिकारी द्वारा मझधार में छोड़ने पर कई सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि उनके पति और गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी जीपी जोशी ने भी 2008 में वीआरएस ले लिया था और बताया जाता है कि वह अमेरिका में जाकर बस गए हैं। विजयलक्ष्मी को जब इस मिशन के लिए चुना गया उससे पहले वो पंचायती राज मंत्रालय में सेक्रेटरी थीं।
इससे पहले गृह सचिव एलसी गोयल ने भी मोदी सरकार से वीआरएस मांगा था, जिसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई गई थी। आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने ट्वीट कर मोदी सरकार से परेशान आईएएस अधिकारियों के वीआरएस लेने का मुद्दा उठाया है।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।