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आखिरकार दरौंदा से जीतेन्द्र स्वामी और रघुनाथपुर से मनोज सिंह को भाजपा का टिकट मिल ही गया

नाकाम रहीं युवा नेता राजीव कुमार बिट्टू सिंह की कोशिशें, जीरादेई से आशा पाठक को मिला टिकट, टिकट प्रपंच के अंतर्गत इन मामलों का खुलासा सबसे पहले www.newsforall.in ने किया था 
सीवान (बिहार)। बिहार में आजकल चुनावी मौसम चल रहा है। इस मौसम में बहने वाली सियासी हवा का रूख चौआई है। यानी हवा चारों ओर एक रूप में बह रही है। परिणामस्वरूप कोई भी कुछ स्पष्ट आकलन करने को तैयार नहीं है कि क्या होगा अथवा क्या होने वाला है? फिलहाल, हम चर्चा कर रहे हैं टिकट प्रपंच की। इसके तहत बहुत पहले ही www.newsforall.in (देखें लिंक- http://www.newsforall.in/2015/09/siwan-jitendra-manoj-rajeev.html) ने यह खुलासा कर दिया था कि दरौंदा से जीतेन्द्र स्वामी और रघुनाथपुर से मनोज सिंह को भाजपा टिकट दे सकती है। साथ ही यह भी बताया गया था कि राजीव कुमार बिट्टू सिंह को निवर्तमान विधायक आशा पाठक की जगह टिकट मिल सकता है, लेकिन उन्हें नहीं मिला। गौरतलब है कि तमाम अवरोधों व गतिरोधों के बावजूद पूर्व सांसद स्व.उमाशंकर सिंह के पुत्र जीतेन्द्र स्वामी का दरौंदा से भाजपा का टिकट फाइनल हो गया। इससे पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीतेन्द्र स्वामी मैदान में थे। अब विधानसभा चुनाव में उन्होंने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया। नतीजतन उनका दरौंदा से टिकट भी फाइनल हो गया। हालांकि दरौंदा से कई दावेदार टिकट लेने के प्रयास में थे, लेकिन जीतेन्द्र स्वामी को ही टिकट मिला। वैसे सियासत में यह सबको पता है कि सिर्फ टिकट मिलना ही जीत का आधार नहीं होता, इसलिए जीतेन्द्र स्वामी को जीत हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। क्योंकि भाजपा से जिन अन्य दावेदारों को टिकट नहीं मिला है, वे निश्चित रूप से उनकी राह में कांटे बिछाने का प्रयास करेंगे। अब चलते हैं रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में, जहां मनोज सिंह का भाजपा से टिकट फाइनल हुआ है, वो भी भाजपा के सीटिंग विधायक विक्रम कुंवर का टिकट काटकर। ये बड़ी बात है। मनोज सिंह में आखिर कौन सा सुरखाब का पर लगा है, जिस वजह से वे जब जो चाहते हैं, कर लेते हैं। आप भी समझ रहे हैं कि सियासत में सबसे अधिक किस चीज का बोलबाला रहता है। यदि सूत्रों की मानें धनबली मनोज सिंह कभी भी धनबल के उपयोग में पीछे नहीं रहते। वरना लोकसभा चुनाव में वे भाजपा छोड़कर जदयू से टिकट हासिल कर लिए और अब जदयू छोड़कर भाजपा में आए तो यहां भी उनका टिकट फाइनल हो गया। यह सब अलग से आकलन का विषय है कि किस तरह के हथकंडे अपना कर किस नेता ने अपना टिकट फाइनल कराया है। इसके लिए जानकारियां इकट्ठी की जा रही हैं, जिसका खुलासा बाद में होगा। रहा सवाल चुनाव जीतने का तो मनोज सिंह के राह में कितने अड़चन हैं, इसका खुलासा एक-एक कर किया जाएगा। हां, इतना जरूर है कि रघुनाथपुर से उनकी राह आसान नहीं है। जीरादेई विधानसभा क्षेत्र का रूख करने पर पता चलता है कि यहां तो कुछ ज्यादा ही महाभारत है। यहां आशा पाठक के विधायक होने के बावजूद पिछले करीब दो वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की जड़ को मजबूत करने और खुद के प्रचार प्रसार में लगे राजीव कुमार बिट्टू सिंह टिकट के लिए प्रयासरत थे। टिकट पाने के लिए उन्होंने सीवान, पटना और दिल्ली भाया लखनऊ किस-किस तरह के हथकंडे अपनाए, इसका खुलासा अगली समीक्षा रपट में होगी। पर इतना जरूर है कि इन्होंने कोई भी कसर नहीं छोड़ी है, पर टिकट के लिए इनके नाम पर मुहर नहीं लग सकी। वैसे आशा पाठक टिकट तो पा गई हैं, पर उनके सिर पर इस बार भी जीत का सेहरा बंधेगा, कहा नहीं जा सकता।
                                                 संपर्कः +91-7759954349
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