लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने दम पर अकेले उतरेगी। सीटों के बंटवारे से खफा समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए लखनऊ में बुलाई गई पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में आज यह फैसला लिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता खुद पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने की थी। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मौजूद थे। बैठक में हुए फैसले की जानकारी देते हुए पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि वह जनता परिवार से अलग हो गए हैं। लिहाजा अब पार्टी ने बिहार में अकेले ही उतरने का फैसला लिया है।
बैठक की जानकारी देते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी को बिहार में मिली सीटों की जानकारी मीडिया के जरिए हासिल हुई थी। इससे पार्टी काफी अपमानित महसूस कर रही थी। यदि इस फैसले को मान लिया जाता तो यह पार्टी के लिए डेथे सेंटेंस जैसा ही होता, जिसपर किसी भी कीमत पर हस्ताक्षर नहीं किए जा सकते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा की कोशिशों के बाद भी जनता परिवार कभी एकजुट नहीं हो सका। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी बिहार में महज पांच सीट मिलने से नाखुश थी। इसके चलते लालू-सपा-राजद के महागठंबधन में बगावत की चिंगारी सुलगने लगी थी और कई नेता चाहते थे कि वह जनता परिवार से अलग होकर अपनी ताकत बिहार में दिखाए। आज होने वाली सपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में तय होगा कि वह जनता परिवार या महागठबंधन अपने पहले ही पड़ाव में पूरी तरह से बिखर गया। आज हुए पार्टी के फैसले को लेकर काफी कुछ बातें पहले से ही दिखाई दे रही थीं। नजदीकी भविष्य में कोई और चुनाव नहीं होना है लिहाजा माना जा रहा था कि पार्टी बिहार चुनाव में अकेले उतरने का रिस्क ले सकती है। बिहार में महज पांच सीटें मिलने की नाराजगी पिछले दिनों बिहार में हुई महागठबंधन की पटना में हुई स्वाभिमान रैली में साफतौर पर देखने को मिली थी। इस रैली में मुंलायम सिंह यादव शामिल नहीं हुए थे।
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