नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को लोकसभा में ललित मोदी मुद्दे पर अपना वक्तव़्य दिया। सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बोलते हुए सदन से इस मुद्दे पर चर्चा कराने का अनुरोध किया। सुषमा ने कहा, 'मीडिया में मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया, यदि मुझे अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला तो यह मेरे साथ अन्याय होगा। मैं हर सवाल का जवाब देने को तैयार हूं। इस पर कम से कम अगले हफ्ते चर्चा हो।' उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सुषमा ने कहा कि उन्होंने ललित मोदी के लिए कोई सिफारिश नहीं की। इसके साथ ही इस मामले में सबूत पेश करने की चुनौती भी दी। सुषमा ने आगे कहा, 'वीज़ा मामले में मैंने फैसला ब्रिटिश सरकार पर छोड़ दिया था।'
उनके अनुसार, 'ललित मोदी की पत्नी पिछले 17 साल से कैंसर से पीड़ित हैं और उनके खिलाफ़ कोई केस नहीं है और उन्होंने कोई चोरी भी नहीं की है। मैंने उनके ट्रैवल दस्तावेज़ के लिए सिफारिश की, मैंने सिर्फ़ मानवीय आधार पर संदेश ब्रिटिश सरकार तक पहुंचाया, अगर मेरी जगह सोनिया जी होतीं तो क्या करतीं।' सुषमा ने कहा, 'आप कोई एक ऐसा नोट, चिट्ठी या ईमेल दिखाएं जिससे ये साबित होता हो कि मैंने ब्रिटिश सरकार से ललित मोदी को ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स देने की सिफारिश की हो।' सुषमा के अनुसार, 'उन्होंने ब्रिटिश सरकार को सिर्फ़ इतना आश्वासन दिया था कि, 'अगर ब्रिटिश सरकार ललित मोदी को पुर्तगाल जाने के लिए ट्रैवल के कागज़ात मुहैय्या कराती है तो उससे भारत के साथ उनके संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।' उन्होंने आगे कहा, 'मैंने उनके निर्णय को बदलने या उसपर प्रभाव डालने की कोशिश नहीं की।' सुषमा ने पूछा कि ललित मोदी की पत्नी के ख़िलाफ़ कोई क्रिमिनल केस नहीं है ऐसे में उनके पुर्तगाल में जब उनका कैंसर का इलाज किया जाता तब उन्हें उनके पति का साथ क्यों नहीं मिलना चाहिए था?'
ललित मोदी ने साल 2010 में देश छोड़ दिया था और उनपर पिछले साल ही एक के बाद एक भ्रष्ट्राचार के कई केस दर्ज हुए थे। सुषमा की सिफारिश पर ललित मोदी को अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए ब्रिटेन से पुर्तगाल जाने की अनुमति मिली थी। सुषमा स्वराज ने पहले भी कहा था कि उन्होंने ब्रिटेन के अधिकारियों से ललित मोदी को पुर्तगाल जाने देने की जो सिफारिश की थी वो मानवीय आधार पर थीं।
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