नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 13 शहरों को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में जगह मिली है। केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी की लिस्ट जारी कर दी है और इस सूची में उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 13 शहरों को जगह मिली है। लिस्ट में 24 राजधानियों को भी शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश के बाद तमिलनाडु के 12, महाराष्ट्र के 10, मध्य प्रदेश के 7, गुजरात व कनार्टक के 6-6, आंध्र प्रदेश तथा बिहार के तीन-तीन शहरों को इस सूची में जगह मिली है। इस लिस्ट में जिन राजधानियों को जगह मिली है, उनमें चेन्नई, अहमदाबाद, ग्रेटर मुंबई, ग्रेटर हैदराबाद शामिल हैं। जबकि पटना, शिमला, बेंगलुरु, दमन, त्रिावेंद्रम, पुडुचेरी, गंगटोक और कोलकाता वो 9 राजधानी हैं, जिन्हें इस लिस्ट में जगह नहीं मिली। जम्मू कश्मीर सरकार ने अपने शहरों के नाम तय करने के लिए कुछ और समय मांगा है। स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए प्रत्येक शहर को पहले साल 200 और उसके बाद चार साल के लिए हर साल 100 करोड़ रुपये मिलेंगे। केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर अगले पांच साल में 48 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी और इतनी ही रकम राज्य मिलकर खर्च करेंगे।
दो और शहरों को शामिल किया जाएगा। इनमें से एक शहर जम्मू कश्मीर से और दूसरा उत्तर प्रदेश से होगा। पहले दौर में 20 शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। दूसरे और तीसरे दौर में 40-40 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने स्मार्ट सिटी का ऐलान करते हुए कहा कि इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हमें लोगों के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी को स्मार्ट लोगों की जरूरत है। हर राज्य को कम से कम से एक स्मार्ट सिटी मिलेगी, जो पीएम मोदी के शब्दों में, 'किसी भी विकसित यूरोपिय शहर जैसी बेहतर क्वालिटी वाला जीवन लोगों को दे पाने में सक्षम होगी।' एक स्मार्ट सिटी का टैग पाने के लिए, हर शहर का कई स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना बेहद ज़रूरी है। इनमें सर्विस की सुविधाएं, मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर और शहर का ट्रैक रिकॉर्ड शामिल है। कई शहरों से आए प्रस्ताव में ये भी देखा गया कि उन्हें अमल करने में कितनी सफलता पाई गई। सभी टॉप 20 शहरों को इस साल वित्तीय मदद दी जाएगी। जबकि जो शहर इस बार नहीं चुने गए हैं उनसे कहा जाएगा कि और मेहनत करें, अपनी कमियों पर ध्यान दें और दूसरे दौर की प्रतियोगिता की तैयारी में लग जाएं। शहरी विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों से एक तय कोटे के तहत शहरों के नाम मांगे गए थे। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर बाक़ी सभी राज्यों ने शहरी विकास मंत्रालय को शहरों के नाम सौंप दिए है।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।