अबु धाबी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिनों की यात्रा पर रविवार को अबु धाबी पहुंचे। इस दौरान वह यूएई के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत में व्यापार और सुरक्षा जैसे आपसी सहयोग के मुख्य मुद्दों पर विचार विमर्श करने के अलावा वहां रह रहे भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।
सामरिक महत्व वाले इस खाड़ी 4 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 1981 में इंदिरा गांधी यूएई गई थीं। यूएई में करीब 26 लाख भारतीय रहते हैं। शारजाह के अख़बार ख़लीज टाइम्स से बातचीत में पीएम मोदी ने खाड़ी देश को 'मिनी-इंडिया' कहते हुए इसे अपने दिल के काफी करीब बताया है। उन्होंने कहा कि 34 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यहां आना काफी अनोखी बात है। यहां हवाई अड्डे पर पहुंचने पर अबू धाबी के शहजादे जायेद अल नह्यान ने प्रोटोकाल से हटते हुए भारतीय प्रधानमंत्री की आगवानी की। मोदी का स्वागत करने के लिए शहजादे के साथ उनके पांच भाई भी हवाई अड्डा पहुंचे। इससे पहले शहजादे नह्यान ने इस साल मई में मोरक्को के शाह की हवाई अड्डे पर आगवानी की थी। शाहजादे नह्यान यूएई के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च उपकमांडर भी हैं।
यूएई पहुंचने के कुछ ही देर बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, 'हैलो यूएई। मैं इस यात्रा को लेकर बहुत आशांवित हूं। मुझे भरोसा है कि इस यात्रा के परिणामों से भारत-संयुक्त अरब अमीरात रिश्तों को बढ़ावा मिलेगा।' हवाई अड्डे पर पारंपरिक स्वागत के बाद मोदी वहां से अमीरात पैलेस होटल पहुंचे। यूएई में अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम के तौर पर प्रधानमंत्री शेख जायेद मुख्य मस्जिद जाएंगे। यह यूएई की प्रमुख इबादतगाहों में से एक है और यह इस्लामी वास्तुशिल्प के लिए विश्वविख्यात है। यह मस्जिद सउदी अरब के मक्का और मदीना के बाद दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। इसका नामकरण यूएई के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति दिवंगत शेख जायेद बिन सुल्तान अल नह्यान पर रखा गया। मस्जिद में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के समय को इस तरह से तय किया गया है कि उस समय नमाज का वक्त न हो।
मस्जिद को देखने के बाद मोदी का आईकैड परिसर में भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने का कार्यक्रम है। अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के महानिदेशक हामिद बिन जायेद अल नह्यान ने मोदी के सम्मान में डिनर का आयोजन किया है। एडीआईए 800 अरब डॉलर का स्वतंत्र कोष है और भारत ढांचागत क्षेत्रों में इससे निवेश का आकांक्षी है। अपनी यात्रा के दौरान मोदी ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के अलावा भारत को एक आकर्षक व्यापारिक स्थल के रूप में निवेशकों के समक्ष पेश करेंगे। मोदी की इस यात्रा को भारत और यूएई के बीच व्यापार एवं सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह चाहते हैं कि यूएई आतंकवाद विरोधी मुहिम में भारत का अग्रणी सहयोगी बने। अपनी यात्रा से पहले मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात को 'एक महत्वपूर्ण सहयोगी' बताते हुए कहा था कि दोनों देशों के गहरे रिश्ते इस बात से जाहिर होते हैं कि यूएई, भारत का खाड़ी देशों में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है। यूएई के शहजादे से सोमवार को यहां बातचीत के बाद प्रधानमंत्री कुछ घंटों के लिए दुबई जाएंगे। दुबई में वह यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मिलेंगे और विश्व की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा जाएंगे। इसके अलावा वह दुबई क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।
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