नई दिल्ली (नरेंद्र नाथ)। बिहार में एनडीए बनाम जनता परिवार के बीच राजनीतिक दंगल दिलचस्प मोड़ पर पहुंचने लगा है। जनता परिवार की ओर से नीतीश कुमार को सीएम उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद बीजेपी पर चुनाव प्रचार में लगातार दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है कि वह अपना उम्मीदवार बताए। इसके जवाब में बीजेपी ने लालू-नीतीश को एक साथ चुनाव प्रचार में उतरने की चुनौती दी है। गठबंधन के बावजूद अब तक लालू प्रसाद और नीतीश कुमार एक साथ सभा करने से परहेज करते रहे हैं। पिछले 3 महीने में मात्र 1 मौके पर दोनों मंच पर आए। वह भी एक कार्यक्रम में। 2 मौकों पर दोनों नेताओं के एक साथ मंच पर आने की घोषणा हुई, लेकिन अंत में दोनों का कार्यक्रम टल गया। सोनिया गांधी के यहां इफ्तार में लालू प्रसाद नहीं आए तो उनकी इफ्तार में नीतीश नहीं गए। इस हालात में दोनों के बीच संवादहीनता का फासदा उठाने के लिए बीजेपी ने काउंटर रणनीति बनाई और तमाम जगहों पर वह दोनों नेताओं को एक साथ आने की चुनौती देने लगे।
सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों एक साथ बड़ी सभा कर इस उलझन को दूर कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों ने संकेत दिए कि 25 जुलाई को मोदी की बिहार के मुजफ्फरपुर में चुनावी सभा को देखने के बाद इस बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा। योजना के अनुसार नीतीश और लालू प्रसाद कांग्रेस के साथ मिलकर एक बड़ी सभा कर सकते हैं, जिसे चुनाव प्रचार का औपचारिक ऐलान कहा जाएगा। लालू प्रसाद यादव अपने चुनाव प्रचार को पूरी तरह देसी स्टाइल में आगे बढ़ा रहे हैं। शुक्रवार को आरजेडी ने घोषणा की कि बीजेपी के 160 हाइटेक रथ के मुकाबले आरजेडी प्रचार के लिए 1000 टमटम उतारेगी। लालू प्रसाद ने कहा कि उनका रथ पक्की सड़कों पर प्रचार करेगा, जबकि मेरा टमटम कच्ची सड़कों से गांव-गांव और गली-गली तक पहुंचेगा।' लालू ने कहा कि सभी टमटम पर एक-एक नेता सवार रहेंगे और उस पर साउंड सिस्टम लगा रहेगा। मालूम हो कि बीजेपी ने गुरुवार को पटना के गांधी मैदान से 160 परिवर्तन रथों को झंडी दिखकार रवाना किया था। (साभार एनबीटी)
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