लाहौर। पाकिस्तान सरकार ने अपने रूख से पलटते हुए कहा है कि लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर और मुंबई हमले के सरगना जकी उर रहमान लखवी की आवाज का नमूना मुहैया नहीं किया जाएगा। हालांकि, दो दिन पहले ही पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस सिलसिले में अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी को वादा किया था। अभियोजन टीम के प्रमुख चौधरी अजहर ने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले की सुनवाई कर रही रावलपिंडी की एक अदालत ने चार साल पहले लखवी की आवाज के नमूने हासिल करने की एक अर्जी इस आधार पर खारिज कर दी थी कि ऐसा कोई कानून देश में मौजूद नहीं है जो किसी आरोपी की आवाज का नमूना प्राप्त करने की इजाजत देता हो। अजहर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार मुंबई हमला मामले में लखवी की आवाज हासिल करने के लिए आतंकवाद रोधी अदालत में कोई नयी याचिका दायर नहीं करेगी. लखवी फिलहाल साक्ष्य के अभाव में जमानत पर रिहा है। अजहर ने यहां बताया कि लखवी की आवाज के नमूने हासिल करने का मुद्दा अब खत्म हो गया है। हमने 2011 में निचली अदालत में एक अर्जी देकर लखवी की आवाज के नमूने मांगे थे लेकिन जज मलिक अकरम अवान ने इसे इस आधार पर खारिज कर दिया कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो किसी आरोपी के आवाज के नमूने हासिल करने की इजाजत देता हो। उन्होंने कहा कि सरकार लखवी की आवाज के नमूने हासिल करने के लिए निचली अदालत में कोई नई याचिका दायर नहीं करेगी। मोदी और शरीफ ने रूसी शहर उफा में आवाज का नमूना मुहैया करने सहित मुंबई मामले की सुनवाई पाकिस्तान में तेज करने के तौर तरीकों पर चर्चा करने के लिए सहमति जताई थी। वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश आवाज का नमूना मुहैया करने सहित मुंबई मामले की सुनवाई तेज करने के तौर तरीकों पर चर्चा करने पर सहमत हुए हैं। अभियोजन टीम की घोषणा से संभवत: यह जाहिर होता है कि मोदी से प्रधानमंत्री शरीफ के वादे के बावजूद पाकिस्तान मुंबई हमले के आरोपी को न्याय के दायरे में लाने के लिए ज्यादा आगे नहीं जाएगा। अजहर ने बताया कि हमने भारत को लिखित में कहा है कि पाकिस्तान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो किसी आरोपी के आवाज के नमूने हासिल करने की इजाजत देता हो. भारत और अमेरिका तक में भी ऐसा कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा कानून सिर्फ पाकिस्तान की संसद के जरिए ही बन सकता है। राशिद ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के सख्त संकल्प को जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने मुंबई मुद्दे को संयुक्त बयान में शामिल किया है क्योंकि हम चाहते हैं कि भारत हमें आरोपियों के अभियोजन के लिए उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य मुहैया कराये।
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