वाशिंगटन। अगर आप अपना दिमाग तेज करना चाहते हैं, तो दो भाषाएं सीखें क्योंकि एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि दो भाषा सीखने वालों का दिमाग अन्य लोगों की तुलना में तेज होता है। ऐसा मस्तिष्क के कार्यकारी नियंत्रण क्षेत्र में 'ग्रे मैटर' के अधिक जमाव के कारण होता है। इससे पहले माना जाता था कि दो भाषा सीखने से बच्चों में भाषा के विकास में विलंब होता है, क्योंकि इसके लिए उन्हें दो शब्दावलियों को विकसित करना पड़ता है। शोध के लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिकन साइन लैंग्वेज (एएसएल) व स्पोकन इंग्लिश के द्विभाषियों तथा एक भाषा के जानकारों के ग्रे मैटर के बीच तुलना की।
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (जीयूएमसी) में सेंटर ऑफ लर्निंग के निदेशक ग्विनेवेयर इडेन ने कहा, 'एक भाषा बोलने वालों की तुलना में दो भाषाओं का अनुभव तथा उनका सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए संज्ञानात्मक नियंत्रण की जरूरत में वृद्धि के परिणामस्वरूप स्पेनिश-अंग्रेजी भाषा बोलने वालों के दिमाग में कुछ बदलाव आते हैं।' शोधकर्ताओं ने दो भाषा तथा एक भाषा बोलने वालों के ग्रे मैटर के बीच तुलना की। दो भाषा बोलने वालों के मस्तिष्क के फ्रंटल व पेराइटल क्षेत्रों में ज्यादा ग्रे मैटर पाए गए, जो मस्तिष्क के कार्यकारी नियंत्रण में शामिल होते हैं। प्रतिकात्मक चित्र (साभार)
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