सीवान। जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर पचरुखी प्रखंड के पपौर गांव स्थित टीले की खुदाई करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम 22 जुलाई को सीवान पहुंच गई। तत्पश्चात टीम के वरिष्ठ-कनिष्ठ सदस्यों ने स्थलीय निरीक्षण किया। उत्खनन का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (पटना अंचल) के अधीक्षण पुरातत्वविद केसी श्रीवास्तव के निर्देशन में होगा।
ऐसी मान्यता है कि भगवान गौतम बुद्ध का अपने परिनिर्वाण से पूर्व लम्बे समय तक निर्वासन रहा। इसकी पुष्टि ग्रामीणों द्वारा की गई मामूली खुदाई में मिली कई प्रचीन मुर्तियां, सिक्के तथा मृदभांड से हो चुकी है। पावा उन्नयन ग्राम समिति के संयोजक कुशेश्वर नाथ तिवारी व ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद इस वर्ष 8 जनवरी को एएसआई ने यह फैसला किया कि पपौर में उत्खनन के बाद मिलने वाले अवशेषों की बारीकी से पड़ताल होगी, ताकि हकीकत सामने आ सके। बताया गया कि यह कार्य 30 सितंबर से पहले पूरा कर लिया जाना है। एएसआई के टीम के आने के बाद सीवान के लोगों में आस जगी है कि सीवान की धरती के गर्भ में छिपे रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा।
प्रस्तुतिः अमरनाथ शर्मा
प्रस्तुतिः अमरनाथ शर्मा
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