नई दिल्ली। किसानों की आत्महत्या के मसले पर संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री फंस गए हैं। उन पर एक गंभीर मामले को बहुत हल्के ढंग से पेश करने का आरोप लग रहा है। दरअसल शुक्रवार को कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने राज्यसभा सांसद सीपी नारायणन के पूछे सवाल के लिखित जवाब में किसानों की आत्महत्या के पीछे मुख्य वजहों में किसानों के प्रेम प्रसंग, शादी टूटने और दहेज के मामलों में खुदकुशी को प्रमुखता से गिना दिया जिसको लेकर एक बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया।
हालांकि अपने जवाब में कृषि मंत्री ने फसल ख़राब होने और किसानों पर बढ़ते कर्ज़ के बोझ को भी वजह बताई लेकिन इसका ज़िक्र उन्होंने अपने जवाब के आखिर में किया। अब अपने इस जवाब पर उन्हें विशेषाधिकार हनन नोटिस झेलना पड़ सकता है। जेडी-यू के वरिष्ठ महासचिव और राज्यसभा सांसद के.सी. त्यागी ने एनडीटीवी से कहा, 'मैं कृषि मंत्री के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाने के लिए नोटिस दूंगा। कृषि मंत्री ने एक संवेदनशील मसले पर सदन को गुमराह करने की कोशिश की है।' राधामोहन सिंह के इस बयान ने कांग्रेस को फिर एक मौका दे दिया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी को अपने मंत्रियों को किसानों के पास भेजना चाहिये उनकी बदहाली को समझने के लिए...मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार। प्रधानमंत्री को सिर्फ 4-5 उद्योगपति दोस्तों की ही फिक्र है।' दिलचस्प ये है कि राधा मोहन सिंह अब बता रहे हैं कि उन्होंने क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से आंकड़े पेश किए हैं। राधामोहन सिंह ने पटना में इस विवाद पर पहली प्रतिक्रिया में कहा, 'हमें क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से जो आंकड़े मिलते हैं हम उन्हीं को पेश करते हैं।' बीते 20 साल में इस देश में लाखों किसानों ने ख़ुदकुशी की है। इतने पर भी मंत्री का ये जवाब बताता है कि सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीर है।
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