नई दिल्ली। ललित मोदी के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर कांग्रेस ने उन्हें निशाने लेते हुए कहा कि वह 'ललितासन' में हैं। सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे सिंधिया के इस्तीफ़े की मांग बरक़रार रखते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'प्रधानमंत्री एक नए आसन में बैठे हैं- उनकी आंखें, नाक, कान और मुंह सब एक साथ बंद हो जाती हैं। हम आशा करते हैं कि रविवार को योग दिवस के बाद वह 'ललित-आसन' से निकल कर असल दुनिया में आएंगे।' 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य समारोह का उद्घाटन करने जा रहे पीएम मोदी ने ललित मोदी से जुड़े विवाद पर अब तक कुछ भी नहीं बोला है।
इसके साथ ही कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री और अमित शाह को ललितगेट विवाद से जोड़ने का प्रयास करते हुए यहां संवाददाताओं से कहा, 'यह अब एक 'भगोड़े और प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, राजस्थान की मुख्यमंत्री और भाजपा प्रमुख के बीच गहरे गठजोड़ का मुद्दा है।' रमेश ने कहा कि वर्ष 2009 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने थे और उद्योगपति गौतम अडानी वाणिज्यिक प्रमोटर बने थे। उन्होंने कहा कि पांच वषरें के बाद मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने, जबकि अडानी प्रमोटर बने रहे। उन्होंने कहा कि यह कोई 'मेरा आरोप नहीं है' तथ्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों से ललित मोदी गौतम अडानी के बीच गठजोड़ स्थापित हो चुके हैं। रमेश ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की 'चुप्पी' इस बात का सबूत है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व कई चीजों को छिपाना चाहता है। संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होता है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस ललितगेट मुद्दे पर विपक्षी दलों की बीच एक व्यापक एकता कायम करने के पक्ष में है जैसा कि विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे पर बनी थी। (साभार)
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