नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही देरी हो, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में मुख्यमंत्री पद और सीटों के बंटवारे को लेकर घटक दल के नेता आमने-सामने नजर आ गए हैं। एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने जहां पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया है। वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गुट में शामिल पांच विधायकों को टिकट दिए जाने का विरोध करने की घोषणा की है। आरएलएसपी कार्यसमिति की बैठक में 21 जून को केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया।
आरएलएसपी के मुख्य प्रवक्ता शिवराज सिंह ने बताया कि दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक के अंतिम दिन सर्वसम्मति से कुशवाहा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया गया कि सितंबर-अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में 243 विधानसभा सीटों में से पार्टी 67 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं एलजेपी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने मांझी गुट में शामिल पांच विधायकों के खिलाफ को मोर्चा खोल दिया। पासवान ने पटना में कहा कि नरेंद्र सिंह सहित पांच विधायक अवसरवादी हैं। इन्होंने एलजेपी से गद्दारी की है। उनकी पार्टी इन नेताओं को एनडीए का उम्मीदवार बनाने का विरोध करती है। पासवान के इस बयान पर मांझी ने पलटवार करते हुए कहा कि गठबंधन के अंदर घटक दलों के प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी पासवान की नहीं है।
उधर, एनडीए में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर उपजे विवाद पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बीजेपी का होगा। बीजेपी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार संसदीय बोर्ड तय करती है। गौरतलब है कि एनडीए में शामिल लोजपा अध्यक्ष पासवान तथा हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने पूर्व में ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बीजेपी से होने की बात कही है। अब आरएलएसपी की मांग बीजेपी के लिए सिरदर्द बन सकती है। एनडीए के घटक दलों के बीच किचकिच उस समय शुरू हुई है, जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 21 जून को पटना में ही थे और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं।
राज्य में जनता परिवार ने सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। गठबंधन में शामिल आरजेडी ने बीजेपी से अपने मुख्यमंत्री पद प्रत्याशी के नाम की घोषणा करने की चुनौती दी है। जबकि बीजेपी का कहना है कि चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ही राजग का चेहरा रहेंगे। हाल ही में पार्टी नेता अनंत कुमार ने यही संकेत दिया था। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भी यही कहा था, मगर बाद में आम आदमी पार्टी (आप) की चुनौती और पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए बीजेपी ने आनन फानन में किरण बेदी को मैदान में उतारा था, लेकिन किरण भाजपा की नैया पार नहीं लगा सकीं। दिल्ली की जनता ने 'दिल्ली चले मोदी के साथ' नारे को बुरी तरह नकार दिया था। पार्टी यहां 'बिहार चले मादी के साथ' का नारा लगा रही है।
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