अशोक कुमार, मुम्बई। शिवसेना के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा है कि मुसलमानों को पांच साल के लिए वोट देने का अधिकार छोड़ देना चाहिए। पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे लेख में उन्होंने देश के मुसलमानों के पिछड़ेपने के लिए उनके वोट बैंक की राजनीति को वजह बताया, जिससे निपटने के लिए 'कुछ कठोर निर्णय' लेने की ज़रूरत है। संजय राउत ने कहा, "बाला साहब ने कहा था कि कुछ समय के लिए उनका वोट देने का अधिकार हम ख़त्म करें तो उनके वोट बैंक के ठेकेदार नेताओं की दुकान बंद हो जाएगी।"
हालांकि राउत ने कहा कि मताधिकार वापस लेने का काम 'ज़बरदस्ती नही हो सकता, ये बात मुसलमानों के समाज सुधारकों की तरफ़ से आनी चाहिए।' संजय राउत ने साफ किया कि ये उनकी निजी राय नहीं है, बल्कि उनकी पार्टी की राय है। उनसे पूछा गया कि एक सांसद होते हुए वो मताधिकार वापस लेने जैसी ग़ैर संवैधानिक बात कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा, "मैं ये बात बहुत दुख के साथ करता हूं। मुझे इसमें कोई आनंद नहीं आ रहा है।" उन्होंने कहा, "जब तक मुसलमानों का राजनीतिक विकास नहीं होगा, उनका सामाजिक विकास भी नहीं हो पाएगा।" राउत ने कहा कि मजलिसे इत्तेहाद मुसिलमीन नेता औवेसी जैसे लोगों के कारण मुसलमान देश की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाता है। उन्होंने कहा कि वोट की राजनीति कराने वाले नेता मुसलमान को डराते रहते हैं जिससे उनका विकास नहीं हो पाता। उधर दिल्ली में एक वकील शहज़ाद पूनावाला ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और चुनाव आयोग में राउत के इस बयान की शिकायत की है। (साभार)
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।