नई दिल्ली। देश में मुसलमानों से वोटिंग का हक वापस ले लेंने से जुड़ी शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की टिप्पणी पर बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने सख्त ऐतराज़ जताया है। संजय राउत के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि इस तरह की बात करने वालों को समाज में अलग-थलग करने की ज़रूरत है। ऐसी बातों से अमन-चैन का माहौल बिगड़ता है। हमारी कोशिश देश को तरक़्क़ी और शांति के रास्ते पर बनाए रखने की होनी चाहिए। वहीं ट्विटर पर भी उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने वालों को निशाने पर लिया है। हालांकि अपने ट्वीट में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनके इन ट्विट्स से साफ है उनका इशारा संजय राउत के इस विवादास्पद बयान की तरफ ही है।
दरअसल शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे अपने लेख में राउत ने बाल ठाकरे के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि देश में मुसलमानों के मतदान का अधिकार छीनने से ही मुस्लिम वोट बैंक के नाम पर हो रही सियासत ख़त्म होगी। 'सामना' में छपे लेख में संजय राउत ने मुलायम सिंह, लालू यादव और मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन के ओवैसी भाइयों पर निशाना भी साधा और कहा कि सबने मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ सियासी फायदे के लिए किया। हालांकि बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए संजय राउत ने कहा, 'जब तक वोट बैंक की ठेकेदारी कुछ लोगों के पास रहेगी तब तक मुसलमानों का भला नहीं होगा, ना उनका विकास होगा। ये बात शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे ने हमेशा कही... बाला साहेब ने 15 साल पहले कहा था कि एक दिन अगर आप मुसलमानों के मतदान का अधिकार कुछ दिनों के लिए छीन लेंगे तो सबको पता चलेगा। आज जिस तरह ओवैसी भाई पूरे देश में ज़हर फैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे मुझे बाला साहेब की याद आ गई और मैंने ये बात कह दी।'
राउत के इस बयान पर हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये सुनना भी अजीब है, हम लोकतंत्र में रहते हैं, किसी तालिबानी शासन में नहीं। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने संजय राउत के इस लेख पर कहा, देश सविंधान से चलता है, संपादकीय से नहीं। 18 साल के हर भारतीय को वोट देने का अधिकार है। हम उनकी बात से इत्तेफाक नहीं रखते। वहीं एमआईएम के विधायक इम्तियाज़ जलील का कहना था, वह ऐसा क्यों कह रहे हैं, ये लोकतंत्र है... ये धर्म के आधार पर बांटने वाली उनकी राजनीतिक सोच को दर्शाता है। संजय राउत का लेख बांद्रा पूर्व में हुए उपचुनाव के बाद आया है, जहां ओवैसी भाइयों ने जोरदार रैलियां कीं। इसी इलाके में ठाकरे परिवार का घर मातोश्री है। यहां पिछले चुनावों में एमआईएम उम्मीदवार ने 23,000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे। (साभार)
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