मुरादाबाद। बिलारी के किसान मंच पर मुरादाबाद के एसईजेड का मुद्दा भी चर्चा में आ गया। वक्ताओं ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के नाम पर किसानों की बेशकीमती जमीन लेकर कुछ नहीं दिया गया। किसानों को न तो मुआवजा मिला और न ही उद्योग लगे। मेधा पाटकर ने कहा कि करीब चार लाख हेक्टेयर जमीन औद्योगिक क्षेत्र के नाम पर अधिग्रहीत है। मुरादाबाद में भी हालात बदतर हैं। इसी तरह अन्य स्थानों का हाल है। मेधा पाटकर ने कहा कि अब तो एक और साजिश हो रही है। मुरादाबाद ही नहीं देश भर में रेल लाइन और हाईवे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र के नाम पर जमीन अधिग्रहीत करने की तैयारी की जा रही है। इसमें सिर्फ किसान नहीं आएंगे दुकानदार भी आएंगे। आदिवासियों के भी जंगल इसी तरह छिन गए। मुरादाबाद में अगर एसईजेड के नाम पर जमीन ली गई तो उसमें क्या हुआ? इसी तरह के सवाल उछले। राजगोपाल' हन्नान मौला' ईश्वर चंद्र त्रिपाठी' पंजाब से आए दर्शन पाल' हरियाणा से आए सत्यभान सिंह ने किसानों के हक में आदिवासी' दुकानदार किसान सभी को एकजुट रहने की जरूरत बताई। किसानों की जबरन जमीन छीनने के कारण वह आत्महत्या कर रहे हैं। कुल मिलाकर तीन सौ संगठन इसके लिए जूझ रहे हैं और एकजुटता ही हमें सफलता दिलाएगी।
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