नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे के निजीकरण से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। वाराणसी के डीजल रेलवे कारखाने (डीरेका) में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी ने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा, हालांकि बाहर से पैसा आएगा जो रेलवे की सेहत सुधारेगा, फिर वो चाहे डॉलर हो या येन। मोदी ने ऐसा बोलकर एक नई बहस छेड़ दी है।
रेलवे अपनी हालात सुधारने के लिए निवेश की योजनाओं का खाका तैयार कर रहा है, जिसमें देशी और विदेशी पैसा रेलवे के खजाने में आएगा। केंद्र सरकार ने एफडीआई और पीपीपी मॉडल के जरिए रेलवे का कायाकल्प करने की तैयारी कर रखी है। ऐसे में मोदी के बयान से सवाल यह उठता है कि क्या वह निजीकरण के मसले पर झूठ बोल रहे हैं। अगर मोदी की बात मान भी लेते हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा, लेकिन मोदी जिस विदेशी पैसे के डॉलर और येन के जरिए आने की बात कर रहे हैं वो किस मद में आएगा यह अभी भी पूरी तरह से साफ नहीं है। ऐसे में जब रेलवे (इंफ्रास्ट्रक्चर) में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी जा चुकी है तब निजीकरण न लाने की बात करना थोड़ा बेइमानी लगता है। (साभार अमर उजाला)
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