लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के बहाने भाजपा और बसपा अराजकता और उपद्रव की साजिशें कर रहे हैं। जबसे समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है विपक्षी दल उस पर हमलावर हैं। जनता द्वारा सत्ता से बाहर किए जाने पर बसपा तो ऐसी बौखलाई है कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण के पहले दिन से ही उनकी सरकार की बर्खास्तगी की मांग करने लगी है। भाजपा लोकसभा चुनाव क्या जीत गई उसके नेता अहंकारी आचरण करने लगे हैं। लगता है कि केन्द्र से उन्हें अराजकता फैलाने का लाइसेंस मिल गया है। समाजवादी पार्टी सरकार का उत्तर प्रदेश को प्रगतिशील प्रदेश बनाने का संकल्प और उस दिशा में किए जा रहे प्रयास विपक्षियों को पसंद नहीं आ रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रदेशवासी पिछड़े रहें और वह लोगों को लुभाने को सब्जबाग दिखाते रहें। कभी कोसी परिक्रमा तो कभी मुजफ्फरनगर, कांठ (मुरादाबाद), सहारनपुर और मेरठ में जातीय, सांप्रदायिक संघर्ष भड़का कर भाजपा और बसपा दल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम करने में लगे हुए हैं। मथुरा और फैजाबाद में अषांति फैलाने और सामाजिक सद्भाव बिगाडने का भी काम इन्हीं तत्वों ने किया है।
पश्चिमी यूपी की सियासत को बदरंग करने की इन साजिशों के पीछे वोटों का सांप्रदायिक धु्रवीकरण करना तो है ही, यहां शांति व्यवस्था भंग कर प्रदेश सरकार को बदनाम करना और विकास कार्यो में रोड़ा डालना भी है। अनर्गल बयानबाजी से गुमराह करने वालों की हकीकत जनता अच्छी तरह जानती है। भाजपा नेताओं को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि भारतीय संविधान में संघीय व्यवस्था के तहत राज्य सरकार कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए अपने अधिकारो का प्रयोग करेगी। किसी को भी प्रदेश में कानून के साथ खिलवाड़ करने और अराजकता पैदा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। समाजवादी सरकार में कानून का राज है और विकास तथा सामाजिक सद्भाव मजबूती से चल रहा है। उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री विकास की नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। गैर समाजवादी सरकारों ने बिजली,पानी,सड़क सहित कृषि, उद्योग और अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे प्रदेश में बदहाली आई। बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री के समय लूट, हत्या, अपहरण और बलात्कार को इतना बढ़ावा मिला कि देश-दुनिया में प्रदेश की बदनामी हो गयी। श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश को फिर से पटरी पर लाने में कुछ उठा नहीं रखा है। इससे जनता में उनके नेतृत्व के प्रति नई उम्मीदें जागी है। उनका स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश में कानून का राज रहेगा और जो भी कानून अपने हाथ में लेने का प्रयास करेगा, उसे बर्दाश्त नहीं किया जायगा। सौहार्द बिगाड़नेवालों से सख्ती से निबटा जाएगा।
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