फैजाबाद (अवनीश मिश्र)। पुलिस ने शातिराना चाल चलते हुए वाहन चालाकों से अपनी दशकों पुरानी परम्परागत अवैध वसूली को छिपाने के लिए फतेहगंज चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों का रूख बदल दिया है। इसके पीछे नो-इट्री के समय इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों से पुलिस को होने वाली काली कमाई बतायी जा रही है। वैसे तो यह क्षेत्र सुबह 9 से शाम 9 बजे तक नो-इट्री एरिया में आता है, लेकिन दिनभर नजारा इसके ठीक उल्टा दिखता है। हर समय इस क्षेत्र में प्रतिबंधित वाहनों की आवाजाही बनी रहती है, जो जाम व दुर्घटनाओं का सबब बने रहने के साथ ही पुलिस की नियमित अवैध कमाई का ठोस जरिया भी लगातार बनी हुई है।
गौरतलब हो कि इस चौराहे की निगहबानी के लिए चार सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, लेकिन पुलिस ने कैमरों को लगाते समय खेल कर दिया। एक कैमरे का फोकस फतेहगंज-मकबरा और दूसरे का फोकस राजकीय इण्टर कालेज की ओर जाने वाले मार्ग पर है। इन दोनों कैमरों का रुख तो सही दिशा में है, लेकिन वजीरगंज मार्ग के लिए लगाये गये कैमरे का फोकस सही दिशा में न करके फतेहगंज-मकबरा मार्ग की ओर ही घुमा दिया गया है। इसके साथ ही सबसे ज्यादा गड़बड़ी चौक जाने वाले मार्ग पर लगाये गये कैमरे में हुई है। इस कैमरे का फोकस तो नीचे की ओर कर दिया गया है। बताया गया कि लालबाग और चौक मार्ग पर नजर रखने के लिए लगाये गये कैमरों के फोकस की दिशा बदलने से इस मार्ग से होकर अवैध रूप से नो-इट्री में घुसने वाले वाहन की फोटो कैमरों में कैद नहीं हो पाती है। इसी का नतीजा है कि इस नो-इट्री क्षेत्र में दिनभर भारी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है और चौराहे पर तैनात पुलिस कर्मियों की जेब गर्म होती रहती है।
बताते चलें कि फतेहगंज चौराहा व उसके आसपास का अति व्यस्त शहरी क्षेत्र जिले की सबसे बड़ी गल्ला मार्केट के रूप में पिछले कई दशकों से स्थापित है। यहां थोक व फुटकर व्यापारियों की सैकड़ों दुकानें व गोदाम संचालित हैं। इसी इलाके में खाद्य तेलों और मसालों का भी बड़े पैमाने पर व्यापार व भण्डारण होता है। इन सभी सामाग्रियों की ट्रांसपोर्टिंग के लिए तमाम व्यापारियों के निजी वाहनों के साथ-साथ प्राइवेट ट्रांसपोर्ट कम्पनियों के भी वाहनों का जमावड़ा फतेहगंज क्षेत्र में प्रायः देखा जाता है और इन वाहनों पर लोडिंग व अनलोडिंग का काम हर समय होता रहता है। कुछ ट्रांसपोर्ट कम्पनियों ने तो अपनी सुविधा व व्यवसायिक हितों को देखते हुए अपने कार्यालय भी खोल रखे हैं, जिनके वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं। इस संबंध में सहायक रेडियो अधिकारी आरपी शुक्ल ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
नगर की गतिविधियों को कैमरों में कैद करने लिए कुल 71 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने हैं, जिनमें से दो दर्जन स्थानों पर कैमरे लग चुके हैं। बताया गया कि ये सीसीटीवी कैमरे रिलायंस कम्पनी द्वारा लगाये गये टावरों पर अनुबंध के आधार पर लगने हैं, लेकिन अभी सभी चिन्हित स्थानों पर ये कमैरे नहीं लग सके हैं। इसके पीछे टावरों के लगाये जाने हेतु स्थान नहीं मिल पाना बताया जा रहा है। चौक, रिकाबगंज व नियांवा सहित अन्य स्थानों पर टावर लगाने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है। इसके इतर सहादतगंज बाजार, सहादतगंज हनुमानगढ़ी, पुष्पराज चौराहा, पुलिस लाइन ओवरब्रिज, गुदड़ीबाजार चौराहा, गुलाबबाड़ी सहित कुछ अन्य स्थानों पर टावर खड़े किये चुके हैं। साथ ही कुछ स्थानों पर अभी खम्भों आदि पर कैमरे लगाये गये हैं। नगर कंट्रोल रूम में इन कैमरों का भी कन्ट्रोल रूम बनाया गया है। सीओ वायरलेस आरपी शुक्ल ने बताया कि कैमरों के लगाये जाने का काम चल रहा है। रिलायंस द्वारा टावरों के काम जैसे ही पूरा हो जायेगा, सभी पर कैमरे लग जायेंगे। उधर, जानकारों का कहना है कि शहर में जैसे ही बिजली गुल होती है, वैसे ही शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरे भी काम करना बन्द कर देते हैं। ऐसी स्थिति में यदि कोई घटना घटित होती है, तो इन कैमरों की कोई सार्थकता नहीं होगी।
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