लखनऊ। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि सपा का सदस्यता अभियान पूरे प्रदेश में जोरशोर से शुरू हो गया है। यह अभियान इस वर्ष 01 जुलाई,2014 से प्रारम्भ होकर 30 अगस्त,2014 तक चलेगा। सदस्यता अभियान के प्रथम दिवस सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सदस्य बनाकर उनकी सदस्यता का नवीनीकरण प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कराया। इस अवसर पर एसआरएस यादव भी उपस्थित थे। लगभग सभी जिलो में यह सदस्यता अभियान समारोहपूर्वक शुरू हो गया और बड़ी संख्या में लोग सपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। पार्टी मुख्यालय में भी सदस्य बननेवालों की भीड़ रही।
समाजवादी पार्टी के संविधान के अनुसार 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई व्यक्ति समाजवादी पार्टी का सदस्य 10 रूपए त्रैवार्षिक शुल्क देकर बन सकता है। कम से कम 50 प्रारम्भिक सदस्य बनाकर 500 रूपए जमा करनेवाला प्रारम्भिक सदस्य सक्रिय सदस्य हो सकता है। सदस्यता का कार्यकाल तीन वर्ष होगा जो पहली जुलाई से प्रारम्भ होकर तीसरे वर्ष के 30 जून को समाप्त होगा। इस क्रम में वर्ष 2011 में बने सदस्यों को भी अब अपनी सदस्यता का नवीनीकरण कराना होगा। इसके साथ ही नए सदस्य बनाने का कार्यक्रम भी चलता रहेगा। समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान इस बार दो महीने तक ही सीमित रहेगा। जबकि पहले यह तीन महीने तक चलता था। अब आज 01 जुलाई से प्रारम्भ अभियान 30 अगस्त तक ही चलेगा। इस अवधि में 75 लाख प्रारम्भिक सदस्य और 1Û50 हजार सक्रिय सदस्य बनेगें। इस बार प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 30 सक्रिय सदस्य बनाने का का न्यूनतम लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक पोलिंग बूथ से कम से कम एक सक्रिय सदस्य अवष्य बनाया जाएगा। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को गांवों और मोहल्लों में सम्पर्क कर प्रारम्भिक सदस्य बनाने के लिए कहा है। इस सदस्यता अभियान को क्षेत्रीय विधायक, पूर्व विधायक, विधान सभा के प्रत्याशी तथा विधान सभा अध्यक्ष, सम्मिलित उत्तरदायित्व के साथ चलाएगें। बड़े-बड़े गांवो और नगर के मुहल्लो में शिविर लगाकर सदस्य बनाने का कार्य होगा। ब्लाकवार कार्यक्रम बनाकर हैण्डबिल छपवाकर बंटवाए जाएगें। ताकि सदस्यता अभियान का प्रचार-प्रसार हो सके।
यूपी में अराजकता पैदा करना चाहती है भाजपा
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि भाजपा प्रदेश में कथित रूप से कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर जिस तरह खुद कानून की धज्जियां उड़ा रही है उससे जाहिर होता है कि उसकी मंशा शांति व्यवस्था बनाए रखने में नहीं, अराजकता और अस्थिरता पैदा करने की है। बसपा भी बराबर समाजवादी सरकार के खिलाफ अनर्गल बयान देती रही है। दोनों मिलकर प्रदेश को फिर पांच साल पुराने जंगलराज में ढकेलेने की साजिश कर रहे हैं। लोकतंत्र में विरोध शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए। भाजपा आरएसएस की राजनीतिक शाखा है जिसकी विचारधारा फासिस्ट है। इसलिए भाजपा के अब तक हुए सभी प्रदर्शनों में तोड़फोड़, हिंसा का तांडव होता रहा है। कल भी भाजपा मुख्यालय के अंदर से पथराव हुआ और बोतलें फेंकी गई।सुतली बम का भी प्रयोग किया गया। इस उग्र प्रदर्शन से जनता को तो परेशानी हुई ही मीडिया कर्मियों को भी भाजपाई प्रदर्शनकारियों के दुव्र्यवहार का शिकार होना पड़ा। प्रदेश में समाजवादी सरकार की जनोन्मुखी नीतियों और योजनाओं के चलते विपक्षी दलों को अपनी दाल गलती नहीं दिख रही है। केन्द्र में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश के भाजपाई सत्ता के लिए व्याकुल हो उठे हैं। वे विधान सभा की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहे हैं, और दुष्प्रचार के साथ प्रदेश का अमन चैन बिगाड़ने में लग गए हैं। उनकी यह मंशा प्रदेश की जनता पूरी नहीं होने देगी। अच्छा दिन का सपना दिखाकर मंहगाई की मार से जनता की कमर तोड़ देने वालों का अब प्रदेष में कोई पुरसाहाल नहीं होगा।
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