नई दिल्ली। उम्मीद के मुताबिक मोदी सरकार ने अपने पहले रेल बजट में यात्री सुविधाओं, सुरक्षा और हाई स्पीड ट्रेन चलाने पर जोर दिया है। बजट में रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने रेलवे में एफडीआई लाने , 58 नई ट्रेनें चलाने, मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने और 9 रूटों पर हाई स्पीड ट्रेन चलाने की घोषणा की है। इसके अलावा नई सुविधाओं के साथ ही पुरानी सुविधाओं को बेहतर बनाए जाने की घोषणा की गई है। इसमें ट्रेनों में लोगों के लिए पेड वर्कस्टेशन से लेकर ब्रैंडेड खाने जैसी सुविधाएं शामिल हैं। बजट में स्टेशनों पर कई बेहतर सुविधाओं की घोषणा की गई। यात्री अब रिटायरिंग रूम की ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे। प्लैटफॉर्म और अनरिजर्व टिकट भी ऑनलाइन कटाए जा सकेंगे। रेलमंत्री के बजट पेश करने के दौरान और उनका भाषण खत्म होने के बाद संसद में काफी हंगामा हुआ। रेल मंत्री ने एक कविता कहते हुए अपने भाषण को समाप्त किया। विपक्षी पार्टियों के कई सांसदों ने रेल बजट में उनके क्षेत्रों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि रेल बजट में कोई नई बात नहीं है। पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने कहा कि इसमें कई घोषणाएं ऐसी की गई हैं, जो पहले से पाइपलाइन में हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि टिकट बुकिंग की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इंटरनेट बुकिंग में भी सुधार किया जाएगा और पोस्ट ऑफिस में भी रेल टिकट मिलेंगे। स्टेशनों पर साफ-सफाई के लिए प्राइवेट सेक्टर का सहारा लिया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग सीसीटीवी से की जाएगी। 50 स्टेशनों पर साफ-सफाई का काम आउटसोर्स किया जाएगा। बड़े ब्रैंड्स का 'पैक्ड' रेडी-टु-ईट खाना मिलेगा, स्टेशनों पर फूड कोर्ट्स भी खोले जाएंगे। एसएमएस और कॉल से ऑर्डर कर सकेंगे खाना। बड़े स्टेशनों पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए फुटओवर ब्रिज, लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ियां वगैरह बनाए जाएंगे। सीनियर सिटिजंस को ट्रेन तक पहुंचने के लिए बैटरी ऑपरेटेड कार चलाई जाएंगी। ट्रेन और स्टेशन में आरओ का साफ पानी पीने को मिलेगा। सरकार की योजना तीर्थस्थानों के लिए विशेष ट्रेनें शुरू करने की है। ट्रेनों में वर्कस्टेशन होंगे जिनका इस्तेमाल लोग शुल्क देकर कर सकेंगे। राजधानी और शताबदी ट्रेनों में वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी।
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने लोकसभा में रेल बजट पेश करते हुए मौजूदा ट्रैक पर ही 9 रूटों पर हाई स्पीड ट्रेन और मुंबई अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की। बुलेट ट्रेन की परियोजना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हाई स्पीड ट्रेनें दिल्ली-आगरा, गोवा-मुंबई, दिल्ली-पठानकोट, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-कानपुर, दिल्ली-चंडीगढ़, चेन्नै-हैदराबाद, बिलासपुर-नागपुर समेत नौ रूटों पर चलेंगी, जिसकी स्पीड 160 से 200 किलोमीटर के बीच होगी। रेल मंत्री ने रेल बजट में कुल 58 नई गाड़ियों की घोषणा की है, जबकि 11 गाड़ियों को विस्तार दिया गया है। नई गाड़ियों में 5 जनसाधारण, 5 प्रीमियम, 6 एसी एक्सप्रेस, 27 एक्सप्रेस, 8 पैसेंजर, 2 मेमू और 5 डेमू सेवाएं प्रारंभ करने का प्रस्ता़व है। रेल गाड़ियों में और स्टेशनों पर महिलाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) में चार हजार महिला कॉन्स्टेबलों की भर्ती करने का प्रस्ताव किया और अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों पर अतिरिक्त ध्यान देने और सुरक्षा हेल्पलाइन को बेहतर बनाने की घोषणा की। गौड़ा ने कहा कि रेल गाड़ियों में और स्टेशनों पर सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए रेल सुरक्षा बल में 4000 महिलाओं समेत 17 हजार कॉन्स्टेबलों की भर्ती की जा रही है और शीघ्र ही उनकी तैनाती कर दी जाएगी।
रेल मंत्री ने कहा कि अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी श्रेणियों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि गाड़ियों में रेल सुरक्षा बल के कर्मियों को मोबाइल फोन मुहैया कराये जाएंगे ताकि रेल यात्री किसी तरह की परेशानी में उनसे संपर्क कर सकें। इसके अलावा सुरक्षा हेल्पलाइन को भी बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए स्टेशनों के चारों ओर चहारदीवारी का निर्माण करने की संभावना का भी पता लगाया जा रहा है। रेल बजट पेश करते हुए शुरू में गौड़ा ने कहा कि भारतीय रेलवे अर्थव्यवस्था की आत्मा है। दो करोड़ 30 लाख यात्री रोजाना रेलवे में सफर करते है और देश भर में करीब 7 हजार रेलवे स्टेाशन है। गौड़ा ने कहा कि भारतीय रेल के सामने इस समय कई चुनौतियां हैं। पिछले सालों में रेलवे को बहुत नुकसान हुआ है और किराए में संशोधन न होने से सुविधाओं में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि लोकलुभावन फैसलों से रेलवे की दुगर्ति हुई है। एक रुपये कमाने के लिए रेलवे 94 पैसे खर्च करता है। रेल मंत्री ने कहा कि लंबित योजनाओं को पूरा करने के लिए रेलवे को अभी एक करोड़ 82 लाख रुपये की जरूरत है। पिछले 9 सालों में 99 परियोजनाएं घोषित की गईं, जिनमें से केवल एक पूरी हुई। रेल मंत्री ने कड़े कदम उठाने का संकेत देते हुए कहा कि दवा शुरू में कड़वी होती है लेकिन बाद में राहत देती है। ट्रेन चलाने को छोड़कर शेष क्षेत्र में रेल मंत्री ने एफडीआई का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि रेलवे के विस्तार के लिए सरकारी संसाधन अप्रयाप्त हैं। उन्होंने बताया कि रेल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अगले 10 साल तक हर साल 50,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। गौड़ा ने कहा कि रेलवे में निजी क्षेत्र के साथ मिलकर रेवेन्यूे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट से रेलवे में FDI की इजाजत मांगी जाएगी।
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