लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि दो जून को उत्तर प्रदेश के सभी जिलो में हुए सम्मेलनों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सूबे में दीर्धकालिक विकास कार्यो और विधान सभा चुनाव में किए गए अधिसंख्य वादों को अमली रूप देने की सराहना की गई और संकल्प लिया गया कि उत्तर प्रदेश में चल रही सांप्रदायिक ताकतों की साजिश को बेनकाब किया जाएगा। चौधरी ने बताया है कि सम्मेलनों में सबसे पहले लोकसभा चुनाव की समीक्षा की गई और कहा गया कि समाजवादी पार्टी किसानों व गरीबों के उत्थान वाली जन सापेक्ष समाजवादी नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध है। इसे अमली जामा पहनाना हमारे लिए मिशन है। इसके लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में हमारा सतत् संघर्ष जारी रहेगा।
चौधरी ने बताया कि इन सम्मेलनो में इस बात पर चिन्ता जाहिर की गई कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश को उसके लिए निर्धारित बिजली का कोटा भी नहीं दे रही है। केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश के लिए निर्धारित 6200 मेगावाट बिजली दे दे तो यह संकट स्वतः समाप्त हो जाएगा। प्रदेश भाजपा को चाहिए कि वह केन्द्र सरकार पर उत्तर प्रदेश को आवंटित बिजली का कोटा दिलाने के लिए दबाव बनाए और लोगों को गुमराह करने के लिए किए जा रहे है धरना-प्रदर्शन से बाज आए। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन ने माना कि भाजपा द्वारा विद्युत आपूर्ति का मुद्दा उठाकर जनता का गुमराह किया जा रहा है। यदि केन्द्र से बिजली का निर्धारित कोटा तथा कोयला की आपूर्ति करा दी जाय तो प्रदेश में पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो जायेगी। इस अवसर पर प्रस्ताव पारित कर जिलाधिकारी के माध्यम से केन्द्र सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश के लिए विद्युत का जो कोटा केन्द्र से निर्धारित है उसके अनुसार आपूर्ति तथा कोयला की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित की जाए।
बदायूं कांड में त्वरित कार्रवाई करने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया
बदायूं की घटना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के लिए जन अधिकार मंच ने धन्यवाद ज्ञापित किया है। जन अधिकार मंच के मण्डल प्रभारी द्वारा भेजे गए धन्यवाद ज्ञापन में कहा है कि कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा सत्ताधारी पार्टी के विरुद्ध एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत दुष्प्रचार किया जा रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना पर त्वरित कार्रवाई करके विरोधी दलों द्वारा जातीय संघर्ष को हवा दिए जाने से रोकने का कार्य किया है। प्रदेश सरकार द्वारा पीड़ित परिवार की मांग पर घटना की जांच सीबीआई से कराने के लिए मुख्यमंत्री ने अनुरोध पत्र भी केन्द्र सरकार को भेजा है। पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से मामले की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट से कराने के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश की जन अधिकार मंच ने सराहना भी की है। राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने के साथ-साथ पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। पीड़ित परिवार की क्षतिपूर्ति तो नहीं की जा सकती, किन्तु उनके दर्द को कम करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है।
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