नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा जमा कराए गए काले धन को देश लाने के लिए उत्सुक मोदी सरकार के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है। स्विस सरकार का कहना है कि भारतीयों के स्विस बैंक अकाउंट की कोई लिस्ट नहीं बनाई जा रही है और हाल-फिलहाल में भारत के साथ काले धन के मुद्दे पर कोई बात भी नहीं हुई है। खबर आ रही थी कि स्विट्जरलैंड की सरकार ऐसे भारतीयों की लिस्ट तैयार कर रही है, जिनके काले धन स्विस बैंकों में जमा हैं। अब स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्रालय ने इससे इंकार करते हुए कहा है कि इस साल फरवरी के बाद से इस मुद्दे पर कोई डिवेलपमेंट नहीं हुआ है।
फरवरी 2014 में एक स्विस डेलिगेशन ने दिल्ली में भारतीय अधिकारियों से मूलाकात की थी। स्विस वित्त मंत्रालय का कहना है कि इसके बाद से न तो कोई बैठक हुई है और न ही इस मुद्दे पर कोई चर्चा। स्विट्जरलैंड की सरकार का कहना है कि उन्हें आशा है कि भारत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लीगल फ्रेमवर्क के भीतर रहकर ही इस मसले पर कोई कदम उठाएगा। भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली भी सोमवार को स्वीकार कर चुके हैं कि अभी स्विस सरकार से काले धन के संबंध में कोई जवाब नहीं मिला है। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि सरकार स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा जमा कराए गए काले धन की जानकारी के लिए स्विट्जरलैंड को पत्र लिखेगी। हालांकि वित्त मंत्री का दावा है कि सरकार काले धन के मुद्दे पर स्विट्जरलैंड अथॉरिटी के साथ टच में है। स्विट्जरलैंड सेंट्रल बैंक एसएनबी द्वारा हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013 में स्विस बैंक में जमा भारतीयों का धन में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह लगभग 14 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें भारतीयों के डायरेक्ट अकाउंट और कुछ के किसी अन्य व्यक्ति या वेल्थ मैनेजर्स द्वारा किए गए इन्वेंस्टमेंट भी शामिल हैं।
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