नई दिल्ली। कांग्रेस ने एक बार फिर सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए दोनों का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। सोमवार शाम हुई वर्किंग कमिटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की, जिसे वर्किंग कमिटी के सदस्यों ने ठुकरा दिया। पार्टी नेता माखन लाल फोतेदार ने बैठक खत्म होने के बाद बताया, 'दोनों ने अपने-अपने इस्तीफे पढ़ कर सुनाए। लेकिन सदस्यों ने नामंजूर कर दिए।' इसके साथ ही वर्किंग कमिटी में किसी और सदस्य के इस्तीफा देने की अटकलों को भी विराम लग गया।
फोतेदार ने कहा, 'इस्तीफे इसलिए नामंजूर हुए क्योंकि सोनियाजी किसी और व्यक्ति से ज्यादा अहम हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने हार की जिम्मेदारी ली लेकिन हमने इस बात को नहीं माना।' कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक हार के कारणों की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। करीब दो घंटे चली इस बैठक से पहले संभावनाएं जताई जा रही थीं कि राहुल और सोनिया इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसी भी खबरें थीं कि अपने नेताओं को बचाने के लिए पूरी कार्यसमिति इस्तीफा दे सकती है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस्तीफा किसी समस्या का हल नहीं है। बैठक में प्रस्ताव पास कर सोनिया-राहुल के नेतृत्व पर भरोसा जताया। फोतेदार ने कहा कि कुछ जरूरी कदम उठाए जाएंगे लेकिन इस बारे में फैसले अध्यक्ष ही लेंगे।
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