रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक 35 साल की आदिवासी टीचर को पूरे गांव के सामने निर्वस्त्र करने का मामला सामने आया है। जशपुर जिले के पकड़गांव में पंचायत ने आदिवासी महिला की पिटाई कर न सिर्फ उसे निर्वस्त्र करवाया, बल्कि गांव निकाला से बचने के लिए 1 लाख रुपए फाइन भी अदा करने को कहा। महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि उसके भांजे ने गांव की ही एक लड़की से प्यार कर लिया, जो उसी की जाति की थी। महिला को निर्वस्त्र करने की यह वारदात 19 अप्रैल की है। महिला ने पुलिस से जब इस मामले की शिकायत की, तो तत्काल कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने मामले को टालना ही ज्यादा बेहतर समझा। पीड़ित महिला ने अब मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग से शिकायत की है।
पीड़िता ने महिला आयोग को दिए बयान में कहा है कि सबके सामने उसे सिर्फ इसलिए निर्वस्त्र किया गया, क्योंकि उसके भांजे पर गांव की लड़की से ही प्यार करने का आरोप था। महिला ने बताया कि दोनों के रिश्तों की बात जब शादी तक पहुंची, तो लड़की पीड़ित के घर पर ही आकर रहने लगी। पीड़ित ने बताया कि काफी समझाने के बाद लड़की अपने घर चली गई। पीड़ित ने महिला आयोग को दी गई जानकारी में कहा है कि गांव के सरपंच नेहरू लकड़ा को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो उसने पीड़ित पर लड़की को गुमराह करने और उसके भांजे पर रेप का झूठा आरोप लगा दिया। 19 अप्रैल को पंचायत बुलाई गई। पीड़ित का आरोप है कि लड़की पर इतना दबाव डाला गया कि उसने लड़के के साथ किसी तरह के संबंध से ही इनकार कर दिया। इसके बाद सरपंच ने पीड़ित को दोषी ठहराते हुए, पंचायत में मौजूद महिलाओं और पुरुषों को उसे पीटने का आदेश दिया। इतना नहीं उसे पूरे गांव के सामने निर्वस्त्र भी किया गया। पीड़ित का आरोप है कि पिटाई के दौरान उसके गहने भी छीन लिए गए। सरपंच ने इसके बाद भी महिला पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया।
राज्य महिला आयोग की सचिव जगरानी एक्का ने बताया कि महिला की शिकायत जशपुर एसपी को भेज दी गई है। एसपी को इस मामले में केस दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया है। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि महिला को निर्वस्त्र नहीं किया गया, पिटाई के दौरान उसके कपड़े फट गए। लेकिन, पीड़ित से जब बात की गई, तो उसने रोते हुए बताया, 'सरपंच ने सबके सामने मुझसे गाली-गलौज की। मेरे बाल पकड़ कर खींचे और लात मारकर मुझे जमीन पर गिरा दिया। उसने मेरे कपड़े भी उतार दिए।' महिला ने आरोप लगाया है कि सरपंच पहले भी दूसरों के साथ बदतमीजी कर चुका है। उसने इससे पहले भी 10 लोगों को गांव से निकलवाया है और कई को जेल भिजवाया है। महिला का कहना है कि सरपंच की ओर से उसे केस वापस लेने के लिए धमकियां भी मिल रही हैं। पुलिस ने सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। जशपुर की एएसपी नेहा पांडेय ने बताया कि सरपंच समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में वे बेल पर रिहा हुए। एएसपी का कहना है कि अगर महिला को अपने केस में और जानकारी देनी है, तो वह पुलिस के पास आने के लिए स्वतंत्र है। महिला के मामले की जांच के लिए राज्य कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पार्टी के स्तर पर एक कमिटी भी बनाई है।
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