नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी को 8 मई को बेनियाबाग में सभा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद चुनाव आयोग और भाजपा के बीच घमासान मचा हुआ है। मोदी को सभा और रैली के लिए इजाजत नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेताओं मे बनारस में धरना देना का फैसला किया है। भाजपा के सीनियर नेता अरुण जेटली और मोदी के खास अमित शाह इस धरने का नेतृत्व करेंगे। अरुण जेटली ने यह भी दावा किया कि अनुमति नहीं मिलने के बाद भी मोदी बेनियाबाग जाएंगे। इस बीच बनारस प्रशासन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 10 मई के प्रस्तावित कार्यक्रम को अनुमति दे दी है। राहुल को रोड शो के लिए इजाजत मिलने के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। अरुण जेटली ने बनारस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'चुनाव आयोग के पक्षपाती रवैये के खिलाफ बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता बीएचयू गेट के सामने धरना देंगे। जेटली ने कहा, " जिला प्रशासन से कई दौर की वार्ता के बाद भी हमें बेनियाबाग में रैली करने की इजाजत नहीं दी गई है। हमने इसकी शिकायत मुख्य चुनाव आयुक्त से की लेकिन बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आयोग इस पूरे मामले पर मूक दर्शक की भूमिका में दिखायी दिया।" जेटली ने कहा कि प्रशासन से बेनियाबाग में रैली और गंगा पूजन की इजाजत मांगी गई थी लेकिन दुर्भाग्यवश प्रशासन की तरफ से इसकी इजाजत नही दी गई। प्रशासन सुरक्षा कारणों और आईबी रिपोर्ट का हवाल दे रहा है जबकि ऐसी कोई स्थिति है ही नहीं। जेटली ने जिला निर्वाचन अधिकारी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनकी भूमिका संदिग्ध है लिहाजा निर्वाचन आयोग को अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें हटाना चाहिए लेकिन आयोग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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