वाराणसी। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपनी संकरी गलियों के लिए पहचाने जाने वाले वाराणसी में खुद गाड़ी चलाई। मोदी ने स्थानीय प्रशासन और चुनाव अधिकारियों के साथ गतिरोध के बाद अपनी गाड़ी खुद चलाई। रोहनिया में एक रैली को संबोधित करने के बाद मोदी हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के हेलिपैड पर उतरे। उसके बाद वह शहर के केंद्र में स्थित सिगरा इलाके में पार्टी के केंद्रीय चुनाव कार्यालय की दिशा में गाड़ी चलाते हुए आगे बढ़े।
आम तौर पर वाराणसी में धीमा यातायात होने के बावजूद इतनी दूरी तय करने में आधे घंटे से कम समय लगता है, लेकिन उनकी यात्रा पांच घंटे से अधिक समय तक जारी रही, क्योंकि उनके समर्थकों की भारी भीड़ सड़कों पर जुट गई थी। इस वजह से मोदी के काफिले के साथ-साथ समूचा रास्ता ठहर सा गया था। यह मोदी का वाराणसी मेें अंतिम कार्यक्रम हो सकता है। वाराणसी में 12 मई को मतदान होना है और वहां चुनाव प्रचार कल यानी 10 मई को समाप्त होगा। मोदी की यात्रा के दौरान एक बार फिर से उनके समर्थकों ने 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' का विवादास्पद नारा लगाया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोदी ने इससे पहले अपने समर्थकों से 'हर हर मोदी' का नारा नहीं लगाने का अनुरोध किया था। यह नारा 'हर हर महादेव' से प्रेरित है। वाराणसी में आम तौर पर 'हर हर महादेव' का इस्तेमाल अभिवादन और भगवान शिव की प्रार्थना में किया जाता है।
इससे पहले, रोहनिया में मोदी ने कहा कि वह काशी क्षेत्र में और रैलियां करना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मोदी ने कहा, 'चुनाव आयोग को आत्ममंथन करना चाहिए। मैं नहीं जानता कि वह किसके दबाव में काम कर रहा है? मेरा भाषण उतना महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि लोगों को मेेरे मौन के जरिए भी मेरा संदेश मिल जाएगा।' मोदी ने कहा कि सरकार को उनकी सुरक्षा के बारे में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह अपने देश के लिए मरने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'यह मेरे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। क्या मुझे वो अधिकार नहीं मिलने चाहिए, जिसके दूसरे उम्मीदवार हकदार हैं? मुझे मां गंगा से भी मिलने की अनुमति नहीं दी गई है।' मोदी ने वादा किया कि वह गंगा पूजन के लिए शीघ्र वापस आएंगे। उन्होंने लोगों से सुनिश्चित करने को कहा कि केंद्र में एक मजबूत सरकार आए और 'मां-बेटे के ऑक्सीजन' या कोई 'रिमोट कंट्रोल' वाली सरकार नहीं आए।
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