वाराणसी। बेनियाबाग के मैदान में सभा की अनुमति नहीं मिलने से आक्रोशित भाजपा नेताओं का लंका पर सिंहद्वार के पास चल रहा धरना गुरुवार को दिन में लगभग दो बजे समाप्त हो गया। कुछ देर पहले पार्टी नेताओं ने यह तय किया था कि रोहनियां में सभा के बाद मोदी के लंका पहुंचने पर धरना खत्म किया जाएगा और वहां मौजूद भीड़ मोदी के साथ पार्टी के चुनाव कार्यालय तक जाएगी लेकिन अचानक इस कार्यक्रम में परिवर्तन कर दिया गया। धरना देने के लिए कार्यकर्ता पूर्व निर्धारित समय सुबह 11 बजे के पहले ही पहुंचने लगे थे। केंद्रीय नेता अरुण जेटली, अनंत कुमार, अमित शाह आदि 12 बजे पहुंचे। भारी पुलिस फोर्स और कार्यकर्ताओं के हुजूम के बीच तीखी धूप में धरना चला। जिला निर्वाचन अधिकारी से नाराज भाजपा नेताओं ने निर्वाचन आयोग को भी कटघरे में खड़ा किया।
यूपी प्रभारी अमित शाह ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानबूझकर इजाजत को लटकाए रखा ताकि हम कार्यक्रमों की तैयारी न कर सकें। उन्होंने सवाल किया कि आठ घंटे में कोई तैयारी कैसे की जा सकती है। इसलिए गंगा आरती का कार्यक्रम भी नहीं किया जा रहा है। अरुण जेटली ने कहा कि जब कश्मीर, बारामूला और नक्सल इलाकों में रैली की अनुमति मिल सकती है तो बेनिया में क्यों नहीं। धरने पर शाह, जेटली, लक्ष्मीकांत के अलावा राज्यवर्धन सिंह, विजय गोयल, पंकज सिंह और वाराणसी के तीनों भाजपा विधायक भी मौजूद हैं। लंका पर भाजपा समर्थकों का जमावड़ा बढ़ने के कारण पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था और चौकस कर दी गई है। भाजपा नेता बार-बार अपनी गिरफ्तारी की बात तो कर रहे थे लेकिन प्रशासन असमंजस में था। धारा 144 लागू होने के बाद भी जबरन धरना खत्म कराने का जोखिम प्रशासन ने नहीं उठाया। हालांकि एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी।
उधर, मोदी ने आजमगढ़ में और ट्विटर पर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया। मोदी ने वाराणसी में आरती में हिस्सा नहीं लेने के लिए गंगा से माफी भी मांगी। मोदी ने आजमगढ़ की रैली में मुलायम सिंह यादव को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कटाक्ष किया कि दस साल से यूपी में नेताजी का परिवार ही लाभ लेता रहा है। अब अस्तित्व बचाने के लिए आजमगढ़ के चुनावी मैदान में मुलायम सिंह उतरे हैं। मोदी ने सपा-बसपा और कांग्रेस को एक ही थैली के चट्टे-बट्टे बताया और कहा कि चुनाव अलग लड़ते हैं और दिल्ली पहुंचकर एक हो जाते हैं। निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा करते हुए मोदी ने कहा कि यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई लेकिन आयोग खामोश रहा।
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