उदयपुर। राजस्थान सरकार के स्वायत शासन विभाग, जयपुर की अधिसूचना क्रमांक एफ/29/विविध/डी एल बी 2000/1394-1614 दिनांक: 18. 05. 2000 के तहत् प्रतिवर्ष सम्पूर्ण राजस्थान में वैषाख शुक्ला ग्यारस 10 मई 2014 बुधवार को श्रमण संघीय आचार्य देवेन्द्र मुनि के पुण्यस्मृति दिवस के उपलक्ष्य में राज्य में अगता (अहिंसा-दिवस) रहेगा। प्रतिवर्ष प्रदेष में अहिंसा के महŸव को प्रतिपादित करते हुए पषुवध पूर्णतया निषेध एवं मुर्गा-मीट, मांस-मछली विक्रय की समस्त दुकाने और बूचड़खानों के संचालन पर पूर्णतया प्रतिबन्ध रहेगा। ज्ञात रहे कि इस वर्ष आचार्य देवेन्द्र मुनि का 15 वां स्वर्गारोहण दिवस है।
श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय के सहमंत्री मानसिंह रांका ने उदयपुर जिला कलेक्टर एवं महापौर नगर निगम उदयपुर को ज्ञापन देकर उनसे मांग कि है कि उक्त दिवस पर वे शासन व प्रषासन से नियम का अनुपालन सुनिश्चित करवावें। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों को भी पत्र प्रेषित कर पालना सुनिष्चित करवाने की मांग की गई है।
मूलतः उदयपुर शहर के वर्डिया कुल में जन्में आचार्य देवेन्द्र मुनि ने मात्र 9 वर्ष की अल्पायु में जैन भागवती दीक्षा अंगीकार कर 400 से अधिक पुस्तकों का लेखन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। देष भर में सात दशकों तक पदयात्रा करके लाखों मनुष्यों को व्यसन मुक्त बनाया। देवेन्द्र मुनि ने श्रमण संघ के 1200 से अधिक साधु-साध्वी समुदाय के आचार्य बनकर उदयपुर का नाम रोशन किया था। ज्ञात रहें कि सन् 1999 को कालधर्म को प्राप्त हुए इस संत का स्मारक उदयपुर में ही जैनाचार्य देवेन्द्र मुनि मार्ग पर ‘देवेन्द्र धाम’ के नाम से विश्रुत है।
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