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देश का मूड भांपने में पार्टी से चूक हुईः सोनिया गांधी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में हुई जबर्दस्त हार की असली वजह देश के लोगों का मूड भांपने में कांग्रेस पार्टी की नाकामी रही। कांग्रेस की ऐतिहासिक हार का यह निचोड़ शनिवार को आयोजित कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक में तब सामने आया, जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश भर के लोगों का मूड भांपने में पार्टी से जो चूक हुई, उसी के चलते कांग्रेस को यह दिन देखना पड़ा। सोनिया गांधी ने यह बात अपने अध्यक्षीय भाषण में कही। उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी जल्द ही इस हार से उबरकर एक बार फिर मजबूत होकर सामने आएगी। अपने नेताओं का मनोबल बढ़ाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब पार्टी ने हार का सामना किया है। इससे पहले भी हमने हार के बाद अपनी वापसी की है। सीपीपी ने एक बार फिर सोनिया गांधी को संसदीय दल का नेता चुना। बैठक में पूर्व रेल मंत्री व सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसदीय दल के नेता के तौर पर सोनिया गांधी नाम प्रस्तावित किया, जिसका मोहसिना किदवई सहित कई सीनियर नेताओं ने समर्थन किया। सीपीपी बैठक में सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को देश का पीएम बनने पर बधाई दी। अपने भाषण में सोनिया गांधी ने जोर दिया कि पार्टी को लोगों के इस गुस्से के पीछे छिपी वजहों को समझना होगा और उसके मुताबिक, अपने भीतर बदलाव लाने होंगे। सोनिया ने जहां हालिया आम चुनावों में कई राज्यों में पार्टी का खाता न खुलने पर अफसोस जाहिर किया, वहीं उन्होंने इन नतीजों से सबक लेने की बात भी कही। इस मौके पर सोनिया गांधी ने अपने सांसदों को आने वाले दिनों में एक मजबूत और रचनात्मक विपक्ष की भूमिका में उतरने के लिए कमर कसने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि विपक्ष में होने का मतलब ज्यादा से ज्यादा सवाल पूछना, देश हित के मुद्दों को उठाना, सार्थक चर्चाओं की पहल करना और हमेशा लोकतांत्रिक हितों की रक्षा के लिए एक जागरूक पहरेदार होना है। इस मौके पर पार्टी की ओर से एक प्रस्ताव पेश करके कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की लीडरशिप में पूरा भरोसा जताया गया। प्रस्ताव में जहां पार्टी ने आने वाले दिनों में प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ मिलकर एक मजबूत व सयुंक्त विपक्ष की भूमिका निभाने की उम्मीद जताई, वहीं दूसरी ओर उसने एक दशक तक समझदार, और गरिमापूर्ण ढंग से देश का नेतृत्व करने के लिए मनमोहन सिंह के योगदान को भी रेखांकित किया। सूत्रों के मुताबिक, सीपीपी की मीटिंग में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नए चुनकर आए अपने सांसदों से काफी गर्मजोशी से मिलते दिखाई दिए। इस मौके पर सोनिया गांधी व राहुल ने वहां मौजूद सांसदों से विचार विमर्श भी किया। इस दौरान सोनिया ने सांसदों से पार्टी की कमियों और खूबियों के बारे में उनका इनपुट मांगा। माना जा रहा है कि इस फीडबैक का मकसद पार्टी के पुनर्गठन में मदद लेना है।
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