नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को नितिन गडकरी की मानहानि के मामले में जमानत न लेने पर 23 मई तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। जहां आम आदमी पार्टी ने इसे करप्शन के खिलाफ उसूलों की जंग करार दिया है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल सत्ता के लोभी हैं और अपनी अराजक प्रवृत्ति के चलते कोर्ट का भी अनादर करने पर आमादा हैं। केजरीवाल को आज पटियाला हाउस कोर्ट ने 10 हजार का पर्सनल बॉन्ड भरने को कहा लेकिन उन्होंने इससे ये कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है इसलिए वो जमानत नहीं लेंगे। इसपर कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए।
आप नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि पहले भी चार मामले में हमने बेल बॉन्ड नहीं भरा था। इस बार भी हमने सैद्धांतिक तौर पर यही फैसला लिया। बॉन्ड भरने का मकसद ये होता है कि आरोपी भाग न जाए। लेकिन ये भागने वाले नहीं थे। लेकिन इस बार मामला गडकरी का है। तो मोदी जी के आते ही अच्छे दिन आ गए। इसलिए ये हुआ। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या इस देश में किसी नेता पर करप्शन के आरोप लगाना गुनाह है। बात पैसे की नहीं है बल्कि सिद्धांतों की है। करप्शन के खिलाफ आंदोलन करना अपराध नहीं होना चाहिए। पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि अगर नितिन गडकरी के खिलाफ कुछ बोलने की सजा जेल जाना है तो पार्टी इसके लिए तैयार है। आंदोलन करना हमारा अधिकार है। ये पहली घटना नहीं है कि हमने मुचलका भरने से इनकार किया हो। हम सिद्धांततः इसके खिलाफ हैं। पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि अगर गडकरी को भ्रष्ट कहना अपराध है तो हम जेल जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पिछले चार केसों में भी पर्सनल बॉन्ड भरने के इनकार किया था और कोर्ट ने उनका पक्ष माना था। हम कभी इस तरह के केस में बॉन्ड नहीं भरेंगे।
दूसरी ओर बीजेपी और कांग्रेस ने इसे केजरीवाल की नौटंकी बताया है। बीजेपी नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल खुद को अराजक कहते हैं लेकिन क्या वो अपनी अराजकता अब कोर्ट में भी ले जाएंगे। कानून सबके लिए बराबर है। कोर्ट अगर बॉंन्ड भरने को कह रहा है तो उसका पालन होना चाहिए। कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने कहा कि केजरीवाल सत्ता के लिए गिर गए हैं। वो पिछले दो दिन से मुख्यमंत्री बनने के लिए भटक रहे हैं। कोर्ट में भी उनका ड्रामा जारी है। वो किसी भी तरह बस दोबारा सत्ता हासिल करना चाहते हैं।
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