लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व लोक निर्माण मंत्री अनुराधा चौधरी ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्हें हाल ही में कैबिनेट मंत्री के दर्जे वाले पद से बर्खास्त कर दिया गया था। अर्से तक राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह की करीबी सहयोगी रह चुकीं अनुराधा ने सपा का दामन छोड़ने का ऐलान करते हुए संवाददाताओं से कहा कि खराब कानून-व्यवस्था, मुजफ्फरनगर दंगे, लोकसभा चुनाव में करारी हार और पार्टी से जनता के उठते विश्वास समेत कई कारणों से उन्होंने सपा से इस्तीफा दिया है।
उन्होंने खास तौर से प्रदेश के ताकतवर मंत्री आजम खां पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने खां को इतनी ताकत दे दी है। आप पता करें तो पाएंगे कि कार्यकर्ता उनसे किस कदर डरे हुए हैं। खां ने लोकसभा चुनाव के दौरान कारगिल के बारे में जिस तरह टिप्पणी की, आयोग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया..उसको हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। पूर्व सांसद अनुराधा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल सितंबर में हुए मुजफ्फरनगर दंगों को काबू करने की कोशिश नहीं की और इसमें भी खां का पूरा दखल था। उन्होंने कहा कि दंगे को सरकार ने कंट्रोल ही नहीं किया। आजम खां का पूरा दखल था.. एक समय था जब उसे रोका जा सकता था, लेकिन नहीं रोका गया। भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी मैं अपने कार्यकर्ताओं से बात करूंगी और किसानों के पास जाऊंगी। गौरतलब है कि मार्च 2012 में रालोद छोड़कर सपा का दामन थामने वाली अनुराधा को प्रदेश सरकार ने राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद का अध्यक्ष बनाते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। लोकसभा चुनाव में सपा की करारी पराजय के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गत 20 मई को 36 दर्जाप्राप्त मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था, जिनमें अनुराधा भी शामिल थीं।
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