'सुहागरात' शब्द भले ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खूब खींचता रहा हो, पर इसके बारे में कुछ भ्रम एकदम कॉमन पाए गए हैं। लोग मिथकों में ही खोए रहते हैं और समय रहते तथ्य तक नहीं पहुंच पाते। यहां उन टॉप 7 मिथकों का जिक्र किया गया है, जिसकी हकीकत मालूम होना जरूरी है।
भ्रम 1: पहली बार संभोग के दौरान महिलाओं को दर्द और तकलीफदेह अनुभव से गुजरना पड़ता है।
हकीकत: अगर दंपति के बीच आपसी समझदारी हो, प्यार हो, साथ ही दोनों आनंददायक तरीके से Foreplay का इस्तेमाल करते हैं, तो दर्द होना एकदम जरूरी नहीं है।
भ्रम 2: पुरुष के लिंग के आकार से सेक्सुअल पावर का पता लगाया जा सकता है।
हकीकत: ऐसा मुमकिन नहीं है। कामक्रीड़ा का आनंद जोड़ों के खुशनुमा मानसिक नजरिए और जिंदादिली पर निर्भर है। आकार न के बराबर असर डालती है।
भ्रम 3: अगर शादी से पहले पुरुष हस्तमैथुन (Masturbation) करता रहा हो, तो पहली बार उसे सेक्स संबंध बनाने में काफी दिक्कत आती है. वह सही वक्त से पहले ही स्खलित हो सकता है।
हकीकत: मेडिकल साइंस के मुताबिक, Masturbation से पुरुषों की सेहत, सेक्सुअल पावर, प्रजनन क्षमता आदि पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। हां, इतना जरूर है कि अगर कोई शख्स यह मान बैठे कि वह Masturbation की वजह से कमजोर हो गया है, तो सिर्फ उसकी इस सोच का नकारात्मक असर पड़ सकता है।
भ्रम 4: पहली बार मिलन के वक्त कमरे में लाइट होना बेहद जरूरी है, ताकि एक-दूसरे को ठीक तरीके से समझा जा सके।
हकीकत: आम तौर पर महिलाएं अंधेरे में सहवास को तरजीह देती हैं। सेक्स के दौरान ज्यादातर महिलाएं अपनी आंखें बंद ही रखती हैं। एक-दूसरे के 'सहयोग' से लाइट की कमी खुद पूरी हो जाती है।
भ्रम 5: महिला अगर अब तक वर्जिन है, तो पहली बार मिलन के दौरान उसे अंग से रक्तस्राव जरूरी है।
हकीकत: चाहे यह किसी महिला के लिए सेक्सुअल रिलेशन का पहला ही अनुभव क्यों न हो, रक्तस्राव जरूरी नहीं है। Hymen (एक तरह की झिल्ली) जन्म के समय से ही Absent रह सकती है। बहुत ज्यादा मुमकिन है कि Hymen खेलकूद या किसी अन्य शारीरिक काम के दौरान पहले ही नष्ट हो गई हो। इसलिए ऐसी बातों से कोई निष्कर्ष निकालना सरासर गलत है।
भ्रम 6: विवाह के बाद महिलाएं सुहागरात को ही सेक्सुअल रिलेशन बनाने को आतुर रहती हैं।
हकीकत: महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर के व्यवहार को अच्छी तरह से जानने को आतुर होती हैं। अपने पार्टनर से वे पहले-पहल सिर्फ प्यार ही चाहती हैं।
भ्रम 7: सुहागरात को ही पहली बार मिलन होना जरूरी है। अगर किसी भी वजह से (शारीरिक या मानसिक अवस्था) ऐसा नहीं होता है, तो इससे रिश्ते की बुनियाद शुरुआत में ही कमजोर पड़ सकती है।
हकीकत: यह एकदम गलत धारणा है। विवाह की कामयाबी पूरी तरह से दंपति के बीच प्यार और आपसी समझदारी पर निर्भर है। (साभार)
भ्रम 1: पहली बार संभोग के दौरान महिलाओं को दर्द और तकलीफदेह अनुभव से गुजरना पड़ता है।
हकीकत: अगर दंपति के बीच आपसी समझदारी हो, प्यार हो, साथ ही दोनों आनंददायक तरीके से Foreplay का इस्तेमाल करते हैं, तो दर्द होना एकदम जरूरी नहीं है।
भ्रम 2: पुरुष के लिंग के आकार से सेक्सुअल पावर का पता लगाया जा सकता है।
हकीकत: ऐसा मुमकिन नहीं है। कामक्रीड़ा का आनंद जोड़ों के खुशनुमा मानसिक नजरिए और जिंदादिली पर निर्भर है। आकार न के बराबर असर डालती है।
भ्रम 3: अगर शादी से पहले पुरुष हस्तमैथुन (Masturbation) करता रहा हो, तो पहली बार उसे सेक्स संबंध बनाने में काफी दिक्कत आती है. वह सही वक्त से पहले ही स्खलित हो सकता है।
हकीकत: मेडिकल साइंस के मुताबिक, Masturbation से पुरुषों की सेहत, सेक्सुअल पावर, प्रजनन क्षमता आदि पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। हां, इतना जरूर है कि अगर कोई शख्स यह मान बैठे कि वह Masturbation की वजह से कमजोर हो गया है, तो सिर्फ उसकी इस सोच का नकारात्मक असर पड़ सकता है।
भ्रम 4: पहली बार मिलन के वक्त कमरे में लाइट होना बेहद जरूरी है, ताकि एक-दूसरे को ठीक तरीके से समझा जा सके।
हकीकत: आम तौर पर महिलाएं अंधेरे में सहवास को तरजीह देती हैं। सेक्स के दौरान ज्यादातर महिलाएं अपनी आंखें बंद ही रखती हैं। एक-दूसरे के 'सहयोग' से लाइट की कमी खुद पूरी हो जाती है।
भ्रम 5: महिला अगर अब तक वर्जिन है, तो पहली बार मिलन के दौरान उसे अंग से रक्तस्राव जरूरी है।
हकीकत: चाहे यह किसी महिला के लिए सेक्सुअल रिलेशन का पहला ही अनुभव क्यों न हो, रक्तस्राव जरूरी नहीं है। Hymen (एक तरह की झिल्ली) जन्म के समय से ही Absent रह सकती है। बहुत ज्यादा मुमकिन है कि Hymen खेलकूद या किसी अन्य शारीरिक काम के दौरान पहले ही नष्ट हो गई हो। इसलिए ऐसी बातों से कोई निष्कर्ष निकालना सरासर गलत है।
भ्रम 6: विवाह के बाद महिलाएं सुहागरात को ही सेक्सुअल रिलेशन बनाने को आतुर रहती हैं।
हकीकत: महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर के व्यवहार को अच्छी तरह से जानने को आतुर होती हैं। अपने पार्टनर से वे पहले-पहल सिर्फ प्यार ही चाहती हैं।
भ्रम 7: सुहागरात को ही पहली बार मिलन होना जरूरी है। अगर किसी भी वजह से (शारीरिक या मानसिक अवस्था) ऐसा नहीं होता है, तो इससे रिश्ते की बुनियाद शुरुआत में ही कमजोर पड़ सकती है।
हकीकत: यह एकदम गलत धारणा है। विवाह की कामयाबी पूरी तरह से दंपति के बीच प्यार और आपसी समझदारी पर निर्भर है। (साभार)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।