नई दिल्ली। सोनिया और राहुल गांधी की सुरक्षा की बड़ी चूक सामने आई है। दोनों के विमान उड़ाने वाले पायलटों का लंबे समय से ब्रेथ एनलाइजर (बीए) टेस्ट नहीं किया जा रहा है, लेकिन डॉक्टर झूठी रिपोर्ट जरूर पेश कर रहे हैं। इस टेस्ट से पता चलता है कि पायलट ने नशा किया है या नहीं। लापरवाही का खुलासा होने के बाद गांधी परिवार के चार्टर ऑपरेटर जीएमआर एविएशन को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नोटिस जारी किया है। साथ ही करीब 11 पायलटों के लायसेंस भी रद्द किए गए हैं। नोटिस का संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर लायसेंस पांच साल के लिए रद्द किए जा सकते हैं। नियमों के इस उल्लंघन का ताजा मामला बीते 14 अप्रैल का है। तब रैली को संबोधित करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएमआर के लक्जरी फाल्कन 2000-एलएक्स में दिल्ली से भुवनेश्वर के लिए उड़ान भरी थी।
डीजीसीए ने कंपनी के डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। बीए मशीन खराब होने के बावजूद डॉक्टर झूठी रिपोर्ट पेश करता रहा कि किसी पायलट ने नशा नहीं किया है। डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया, हमने जीएमआर एविएशन का 12 मार्च से 14 अप्रैल का रिकॉर्ड जांचा, जिसमें बीए टेस्ट किए जाने का जिक्र है, लेकिन पाया गया कि उस दौरान बीए मशीन खराब थी। डॉक्टर का लायसेंस रद्द करने के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखा गया है। नियमानुसार, कमर्शियल फ्लाइट्स के पालयटों की समय-समय पर बीए जांच होती है, लेकिन एसपीजी सुरक्षा प्राप्त हस्तियों के विमान उड़ाने वाले पायलटों की हर फ्लाइट से पहले जांच जरूरी है।
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